पीएम ने अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा प्लांट देश को समर्पित किया

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के रीवा में बने अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा प्लांट देश को समर्पित किया। मोदी ने कहा कि मध्य प्रदेश साफ-सुथरी और सस्ती बिजली का हब बन जाएगा। इससे हमारे किसानों, मध्यम और गरीब परिवारों और आदिवासियों को फायदा होगा। हमारी संस्कृति में सूर्य का विशेष महत्व रहा है।
उन्होंने एक संस्कृत के श्लोक से समझाया कि जो उपासना के योग्य सूर्य हैं, वे हमें पवित्र करें।

सूर्य देव की इस ऊर्जा को आज पूरा देश महसूस कर रहा है। रीवा में ऐसा ही अहसास हो रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विभिन्न सौर ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से मध्य प्रदेश भविष्य में 10,000 मेगावॉट बिजली का उत्पादन करेगा और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अहम योगदान देगा।

मोदी के भाषण की 7 अहम बातें

  1. बिजली पर आत्मनिर्भरता बढ़ रही है

सोलर एनर्जी 21वीं सदी में ऊर्जा का एक बड़ा माध्यम बनने जा रही है। ये श्योर, प्योर और सिक्योर है। श्योर इसलिए कि जब सभी संसाधन खत्म हो जाएंगे, सूर्य हमेशा चमकता रहेगा। प्योर इसलिए, क्योंकि इससे पर्यावरण पूरी तरह से सुरक्षित और साफ-सुथरा बना रहेगा।
सिक्योर इसलिए कि इससे बिजली की जरूरत को आसानी से पूरा किया जा सकेगा। जैसे-जैसे भारत विकास के नए शिखर की तरफ बढ़ रहा है, हमारी आशाएं-आकांक्षाएं बढ़ रही हैं, हमारी ऊर्जा की, बिजली की जरूरतें भी बढ़ रही हैं। ऐसे में बिजली की आत्मनिर्भरता बहुत जरूरी है।

रीवा की पहचान सफेद बाघ से, अब ऊर्जा में नाम जुड़ा

रीवा की पहचान सफेद बाघ से रही है। अब इसमें एशिया के सबसे बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट का नाम भी जुड़ गया है। रीवा का ये प्लांट इस पूरे क्षेत्र को ऊर्जा का बहुत बड़ा केंद्र बनाने में मदद करेगा। इस सोलर प्लांट से मध्य प्रदेश के लोगों को, यहां के उद्योगों को तो बिजली मिलेगी ही, दिल्ली में मेट्रो रेल तक को इसका लाभ मिलेगा। इसके अलावा रीवा की ही तरह शाजापुर, नीमच और छतरपुर में भी बड़े सोलर पावर प्लांट पर काम चल रहा है।,

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सोलर एनर्जी में हम दुनिया के टॉप-5 देशों में पहुंचे

हम सौर ऊर्जा के मामले में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में पहुंच गए हैं। इसमें भारत आत्मनिर्भर बन रहा है। जब हम आत्मनिर्भरता की बात करते हैं, तब इकोनॉमी उसका एक सबसे जरूरी भाग है।
दुनियाभर के वैज्ञानिक इस बात को लेकर पसोपेश में रहे हैं कि उद्योग बढ़ाएं कि पर्यावरण को। भारत ने ये दिखाया है कि इकोनॉमी और पर्यावरण एक-दूसरे के पर्याय हो सकते हैं। बिजली आधारित परिवर्तन के लिए नए रिसर्च होने लगी हैं। ऐसे अनेक प्रयास हैं, जो इंसान के जीवन को बेहतर बनाने के लिए किए जा रहे हैं

एलईडी बल्ब से साढ़े 4 करोड़ टन कार्बन डाई ऑक्साइड पर्यावरण में घुलने से रुकी

एलईडी बल्ब से बिजली का बिल कम हुआ है। इसका एक और महत्वपूर्ण पहलू है। एलईडी बल्ब से करीब साढ़े 4 करोड़ टन कम कार्बन डाई ऑक्साइड पर्यावरण में जाने से रुक रही है यानी प्रदूषण कम हो रहा है। हमारा वातावरण, हमारी हवा, हमारा पानी भी शुद्ध बना रहे, इसी सोच के साथ हम निरंतर काम कर रहे हैं। यही सोच सौर ऊर्जा को लेकर हमारी नीति और रणनीति में भी स्पष्ट झलकती है।

भारत को पावर एक्सपोर्टर बनाना है

सोलर प्लांट ऐसी जमीन पर लगेगा, जो उपजाऊ नहीं है। मुझे पूरा विश्वास है कि मध्य प्रदेश के किसान साथी भी अतिरिक्त आय के इस साधन को अपनाने और भारत को पावर एक्सपोर्टर बनाने के इस व्यापक अभियान को जरूर सफल बनाएंगे।
सोलर पावर की ताकत को हम तब तक पूरी तरह से उपयोग नहीं कर पाएंगे, जब तक हमारे पास देश में ही बेहतर सोलर पैनल, बेहतर बैटरी, उत्तम क्वालिटी की स्टोरेज कैपेसिटी न हो। अब इसी दिशा में तेज़ी से काम चल रहा है।