पीएफआई के निशाने पर थे पीएम मोदी

पीएफआई
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बिहार में थी मारने की साजिश

केरल की धरती पर बनी मारने की प्लानिंग

देश को इस्लामिक स्टेट बनाने की भी तैयारी, सीबीआई और ईडी ने कई गहरे राज खोले

नई दिल्ली। ईडी और एनआईए की छापेमारी में देश के लिए सिरदर्द बनी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मारने की पूरी प्लानिंग कर रखी थी। इसके लिए बकायदा पीएफआई ने कैंप लगाकर अपने गुर्गों को टे्रनिंग दी थी। इसके अलावा एजेंसियों को पीएफआई के दफ्तरों से कई महत्त्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे हैं, जिनमें देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का जिक्र था। इसके लिए पीएम मोदी को रास्ते हटाना जरूरी था, इसलिए पीएम को मारने की योजना तैयार की गई थी। कोझिकोड से गिरफ्तार पीएफआई वर्कर शफीक पायथे के रिमांड नोट में ईडी ने कहा- पटना में 12 जुलाई को प्रधानमंत्री की रैली में हमले की साजिश की गई थी, जिसके फंडिंग में शफीक पायथे भी शामिल थे।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जांच एजेंसी ने कहा संगठन ने उन पर हमला करने के लिए बकायदा एक ट्रेनिंग कैंप भी लगाया था, जिससे 2013 जैसी घटना को अंजाम दिया जा सके। अक्टूबर 2013 में पटना गांधी मैदान में तत्कालीन भाजपा के स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी की रैली में सिलसिलेवार बम ब्लास्ट हुए थे।

युवाओं को आतंकी बनने के लिए उकसाया, इस्लामिक राष्ट्र बनाना लक्ष्य

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ईडी ने कहा कि पीएफआई को खाड़ी देश से फंडिंग होती है। सभी पैसे हवाला के जरिए आता है। हमने इस साल पीएफआई के 120 करोड़ रुपए जब्त किए हैं। पायथे ने भी 40 लाख रुपए कतर से ट्रांसफर किए थे, जो गैर-कानूनी तरीके से भेजा गया था। वहीं, कोच्चि में ईडी की ओर से दाखिल एफिडेविट में कहा गया है कि इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए पीएफआई ने युवाओं को लश्कर और आईएसआई जैसे आतंकी संगठन जॉइन करने के लिए प्रोत्साहित किया।

पीएफआई के सीके्रट डॉक्यूमेंट्स में लिखा- 10 प्रतिशत मुस्लिम भी साथ दें तो कायरों को घुटनों पर ला देंगे

छापे के बाद पकड़े गए लोगों के पास से मिले दस्तावेज के मुताबिक संगठन का टारगेट हिन्दुस्तान की सत्ता हांसिल करना है। इसमें लिखा मिला कि 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मना रहा होगा, तब तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना है। इस दस्तावेज में यह भी लिखा है कि 10 प्रतिशत मुस्लिम भी साथ दें तो कायरों को घुटनों पर ला देंगे।

पीएफआई ट्रेनिंग कैंप लगाता है, आपराधिक साजिश में भी शामिल

एजेंसी ने कोर्ट में कहा कि हवाला के जरिए पैसे जुटाकर पीएफआई के सदस्य ट्रेनिंग कैंप लगाते हैं। साथ ही इनके मेंबर्स देशभर में कई आपराधिक साजिशों में शामिल रहे हैं। अप्रैल से ही इसकी जांच चल रही थी। सीएए कानून और हाथरस जैसी घटनाओं में भी सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काने में इन संगठनों का हाथ रहा है।

फुलवारी शरीफ का टेरर मॉडल क्या था, 3 पॉइंट में समझिए

  • मोदी की रैली के दौरान पटना पुलिस ने फुलवारी शरीफ से 3 आतंकी को गिरफ्तार किया था। ये सभी प्रधानमंत्री की रैली पर हमले की साजिश रच रहे थे।
  • इन आतंकियों के पास से 7 पन्नों का एक दस्तावेज बरामद हुआ था, जिसके कवर पर 2047 लिखा था। आतंकियों ने 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का मिशन रखा था।
  • मुख्य आरोपी अतहर ने बताया कि उन लोगों ने ट्रेनिंग कैंप भी लगाया था, जिसमें 26 लोग शामिल थे। मामले का लिंक पीएफआई से जुड़ा, जिसके बाद एनआईए ने बिहार में छापेमारी की थी।
  • 106 वर्कर्स अरेस्ट, ऑपरेशन में 500 अधिकारी शामिल थे
  • गुरुवार आधी रात हुई इस कार्रवाई में जांच एजेंसी ने देश के 15 राज्यों से पीएफआई के 106 वर्कर्स को अरेस्ट किया था। इनमें संगठन प्रमुख ओमा सालम भी शामिल थे। इस पूरे ऑपरेशन में ईडी और एनआईए के 500 अफसर सर्च में शामिल थे। एनआईए के सूत्रों ने बताया- ये पीएफआई नेता, कैडर आतंकवाद और आतंकवादी गतिविधियों के लिए पैसे, हथियार चलाने के ट्रेनिंग देने वाले लोग हैं। ये लोगों को प्रतिबंधित संगठनों में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी बनाने का काम करते थे।

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