प्रधानमंत्री मोदी मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे बातचीत, ‘जान भी जहां भी’ मंत्र अपनाएंगे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, prime minister narendra modi
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, prime minister narendra modi

नई दिल्ली। देश में कोविड-19 के रोगियों की बढ़ती संख्या से हर कोई चिन्तित हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16 जून को राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे जबकि 17 जून को उनकी केंद्र शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उप राज्यपालों से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात होगी। इससे देश में एक बार फिर लॉक डाउन लागू होने की अफ़वाहों को बल मिला है। हालाँकि केन्द्र और कई राज्यों की सरकारों ने इन अफ़वाहों को नकारा है। लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों, स्वास्थ देखभाल व्यवस्थाओं और सुविधाओं की स्थिति, विशेष कर महानगरों के मौजूदा हालातों और सुप्रीम कोर्ट और अन्य अदालतों की टिप्पणियों से चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए दो माह की आपात योजना बनाने के निर्देश दिए है

प्रधानमंत्री मोदी ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए दो माह की आपात योजना बनाने के निर्देश दिए है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की गम्भीर परिस्थितियों पर तो प्रधानमंत्री को केन्द्रीय गृह मन्त्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को तत्काल आपात बैठक के निर्देश देने पड़े और उसकी पालना में दोनों केन्द्रीय मंत्रियों ने रविवार को दिल्ली के उप राज्यपाल और मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर वर्तमान हालातों की समीक्षा की है।

हालत इस कदर विकट हो रहे है कि कोविड के संक्रमित और सक्रिय मामलों में भारत कई देशों को पीछे छोड़ कर विश्व में चौथा देश हो गया है। इस साल की शुरुआत जनवरी 2020 में देश में कोरोना का मात्र एक मामला था जो पिछले कुछ दिनों में बढ़ कर अब सवा तीन लाख के कऱीब हो गए है । तसल्ली इस बात की है कि देश में स्वस्थ्य होने वाले लोगों की रिकवरी रेट का प्रतिशत संक्रमित लोगों के मुक़ाबले अधिक है ।

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लेकिन गाँवों से शहरों में प्रतिदिन ग्यारह -बारह हज़ार की सं या से कोविड के मामलों की बढ़ती गति से आने वाले महीनों में भयावह हालत होने का अंदेशा बढ़ गया है। पहले दो तीन महीनों में लॉक डाउन से हालत नियंत्रण में थे।तब प्रवासी मजदूरों और ‘’जान भी और जहां ‘‘ और अर्थ व्यवस्था उद्योग, काम धंधों, व्यवसाय आदि मुद्दे हावी होने लगे। लेकिन वर्तमान विषम परिस्थितियों में किस प्रकार का मध्यम मार्ग निकाला जाए, जिससे लोगों की ‘जान भी बचे और जहां भी पहले की तरह चले’ इस पर एक बार फिर देश में ग भीर चिन्तन शुरू हो गया है।

देश में लॉक डाउन के बाद चरणबद्ध ढंग से अन लॉक लागू करने की शृंखला में पूजा स्थलों को खोलने और रेड एवं ग्रीन ज़ोन में रियायतें देने, कंटेनमेंट एरिया में सख़्ती को और बढ़ाने, नमूनों की जाँच बढ़ाने, अस्पतालों की व्यवस्थाओं को और अधिक मज़बूत बनाने आदि फ़ैसलों पर नए सिरे से रणनीति बनाने पर भी विचार किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री राज्यों और केंद्र शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अलग-अलग बात करेंगे

पहली बार होगा कि प्रधानमंत्री राज्यों और केंद्र शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अलग-अलग बात करेंगे। इससे पहले उन्होंने 11 मई को मु यमंत्रियों से बातचीत की थी। जिसके बाद लॉकडाउन 4.0 का ऐलान किया गया था। यह छठा मौका होगा जब मोदी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के मु यमंत्रियों और उप राज्यपालों से बात करेंगे और देश के सामने खड़े आसन्न ख़तरों के बारे में समुचित फैसले लेने का रोड्मैप बनायेंगे।