
भ्रष्टाचार को लेकर कही ये बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के हीरक जयंती समारोह शिरकत की। इस दौरान उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शिलांग, पुणे और नागपुर में सीबीआई के नवनिर्मित कार्यालय परिसरों का उद्घाटन किया। पीएम ने सीबीआई के हीरक जयंती समारोह पर डाक टिकट और एक स्मृति सिक्का भी जारी किया। इस दौरान सीबीआई का ट्वीटर अकाउंट भी लॉन्च किया गया।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में सीबीआई के कामकाज की खूब तारीफ की। भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, देश के प्रीमियम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के रूप में 60 वर्ष का सफर आपने (सीबीआई) पूरा किया है। ये छह दशक निश्चित रूप से अनेक उपलब्धियों के रहे हैं। आज यहां सीबीआई के मामलों से जुड़े सुप्रीम कोर्ट का संग्रह भी जारी किया गया है। ये सीबीआई के बीते वर्षों के सफर को दिखाता है।
उन्होंने आगे कहा, पिछले छह दशक में सीबीआई ने बहु आयामी और बहु अनुशासनात्मक जांच एजेंसी के तौर पर अपनी पहचान बनाई है। आज सीबीआई का दायरा बहुत बड़ा हो चुका है। महानगर से लेकर जंगल तक सीबीआई को दौडऩा पड़ रहा है।
पीएम मोदी ने और क्या कहा?
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, कोटि-कोटि भारतीयों ने आने वाले 25 सालों में भारत को विकसित बनाने का संकल्प लिया है और विकसित भारत का निर्माण प्रोफेशनल और दक्ष इंस्टीट्यूट के बिना संभव नहीं है। इसलिए सीबीआई पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।
उन्होंने आगे कहा, सीबीआई ने अपने काम से, अपने कौशल से सामान्यजन को एक विश्वास दिया है। आज भी जब किसी को लगता है कि कोई केस असाध्य है तो आवाज उठती है कि मामला सीबीआई को दे देना चाहिए। लोग आंदोलन करते हैं कि केस उनसे लेकर सीबीआई को दे दो। यहां तक कि पंचातय स्तर पर भी कोई मामला आता है तो लोग कहते हैं कि इसे सीबीआई को दे देना चाहिए। न्याय के, इंसाफ के एक ब्रांड के रूप में सीबीआई हर जुबान पर है।
भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बगैर नाम लिए विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, साल 2014 के बाद हमारा पहला दायित्व, व्यवस्था में भरोसे को फिर कायम करने का रहा। इसलिए हमने काले धन को लेकर, बेनामी संपत्ति को लेकर मिशन मोड पर एक्शन शुरु किया। जहां भ्रष्टाचार होता है, वहां युवाओं को उचित अवसर नहीं मिलते। वहां सिर्फ एक विशेष इकोसिस्टम ही फलता-फूलता है। भ्रष्टाचार प्रतिभा का सबसे बड़ा दुश्मन होता है और यहीं से भाई-भतीजावाद, परिवारवाद को बल मिलता है। जब भाई-भतीजावाद और परिवारवाद बढ़ता है, तो समाज का, राष्ट्र का सामथ्र्य कम होता है। जब राष्ट्र का सामथ्र्य कम होता है तो विकास प्रभावित होता है।
उन्होंने आगे कहा, मुख्य रूप से सीबीआई की जिम्मेदारी भ्रष्टाचार से देश को मुक्त करने की है। भ्रष्टाचार कोई सामान्य अपराध नहीं होता। भ्रष्टाचार, गरीब से उसका हक छीनता है, अनेक अपराधों को जन्म देता है। भ्रष्टाचार, लोकतंत्र और न्याय के रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा होता है। प्रधानमंत्री ने कहा, आज देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लडऩे के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति में कोई कमी नहीं है। आपको कहीं भी हिचकने, कहीं रूकने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा, जैसे-जैसे भारत की आर्थिक शक्ति बढ़ रही है, अड़चने पैदा करने वाले भी बढ़ रहे हैं। भारत के सामाजिक ताने-बाने पर, हमारी एकता और भाई-चारे पर, हमारे आर्थिक हितों पर और हमारे संस्थानों पर भी नित्य प्रहार बढ़ते चले जा रहे है… और इसमें जाहिर तौर पर भ्रष्टाचार का पैसा लगता है। इसलिए हमें क्राइम और करप्शन के मल्टी नेचर को समझना होगा और उसके रूटकॉज तक पहुंचना होगा।
केंद्र की नीतियों की तारीफ की
प्रधानमंत्री ने कहा, आज हम इंटरनेट बैंकिंग की बात करते हैं, सीबीआई से रिकॉर्ड ट्रांजेक्शन की बात करते हैं। लेकिन हमने 2014 से पहले बैंकिंग वाला दौर भी देखा है। ये वह दौर था, जब दिल्ली में प्रभावशाली राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों के फोन पर हजारों करोड़ रुपए के लोन मिला करते थे। जिसने हमारी अर्थव्यवस्था के आधारज् हमारे बैंकिंग सिस्टम को बर्बाद कर दिया था। बीते वर्षों में हम बहुत मेहनत करके अपने बैकिंग सेक्टर को मुश्किलों से बाहर निकाल कर लाए हैं।
उन्होंने कहा, भ्रष्टाचारियों ने देश का खजाना लूटने का एक और तरीका बना रखा था जो दशकों से चला आ रहा था। ये था, सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से लूट। आज जनधन, आधार, मोबाइल की ट्रिनिटी से हर लाभार्थी को उसका पूरा हक मिल रहा है।
यह भी पढ़ें : अतीक के कुनबे की और बढ़ीं मुश्किलें, तन्हाई में कैद अशरफ