नेपाल में सियासी संकट : ओली ने ससंद में विश्वास मत हारा, अब प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा

नेपाल में करीब दो साल से जारी सियासी मशक्कत का अंत हो गया है। बमुश्किल विश्वास मत का सामना करने राजी हुए प्रधानमंत्री ओली को संसद में हार का मुंह देखना पड़ा। अब उन्हें इस्तीफा देना होगा।

उनकी अपनी ही पार्टी के नेता लंबे वक्त से उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे। हालांकि, रविवार को एकबारगी यह लगा था कि ओली इस बार भी जोड़तोड़ करके कुर्सी बचा ले जाएंगे। पर ऐसा हो नहीं सका। ओली को चीन के काफी करीब माना जाता रहा है और उन्होंने कई मौकों पर भारत विरोधी बयान भी दिए थे। भारत भी इस घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है।

सोमवार को मतदान के दौरान कुल 232 सांसदों ने हिस्सा लिया। इनमें से 124 ने ओली के विरोध में जबकि 93 ने उनके पक्ष में मतदान किया। 15 सांसद न्यूट्रल रहे। ओली को सरकार बचाने के लिए कुल 136 वोटों की जरूरत थी।

नेपाल की संसद में कुल 271 सदस्य हैं। माधव नेपाल और झालानाथ खनाल गु्रप वोटिंग में शामिल नहीं हुआ। संसद की अगली बैठक अब गुरुवार को होगी। तब आगे की रणनीति पर विचार होगा।

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