राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा-सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर चलाने के लिए प्रशिक्षित कर्मचारी क्यों नहीं हैं

हाईकोर्ट ने सरकारी अस्पतालों में प्रशिक्षित चिकित्साकर्मियों के अभाव में पीएम केयर फंड से आए वेंटिलेटर का उपयोग नहीं होने पर सीएस व प्रमुख चिकित्सा सचिव सहित अन्य से जवाब मांगा है। सीजे इन्द्रजीत महान्ति व जस्टिस एसके शर्मा ने यह निर्देश सोमवार को अधिवक्ता विजय पाठक की पीआईएल पर दिया।

याचिका में कहा गया है कि पीएम केयर फंड से पिछले साल प्रदेश में वेंटिलेटर आए थे, लेकिन चिकित्सा विभाग की लापरवाही से कई जिलों में उपयोग नहीं हो रहा है। करौली जिला मुख्यालय पर 25 और हिंडौन में 9 वेंटिलेटर हैं, लेकिन प्रशिक्षित चिकित्साकर्मी नहीं होने के कारण उपयोग नहीं हो रहा।

पाली में भी 40 वेंटिलेटर बेकार पड़े हैं। वेंटिलेटर मिलने के बाद भी विभाग ने न तो इन्हें स्थापित करवाया और ना ही किसी चिकित्साकर्मी को इसके लिए प्रशिक्षण दिलाया। अस्पतालों के आईसीयू वार्ड में सीसीटीवी लगाए जाए, ताकि आपात स्थिति में मरीज की मदद हो सके।

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