
देश में जल्द ही कोरोना वैक्सीन आने की की उम्मीद है। ऐसे में राज्य सरकार ने वैक्सीनेशन से जुड़ी तैयारियां तेज कर दी हैं। वैक्सीन लाने, उसे रखने और वैक्सीनेशन सेंटर तक पहुंचाने और फिर लगाने की योजना सरकार ने तैयार कर ली है।
अभी यह तय नहीं है कि केंद्र सरकार किस वैक्सीन को मंजूरी देगी। मंजूरी के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि उस वैक्सीन को किस टेम्परेचर पर स्टोर किया जाना है। मंजूरी के बाद स्टोरेज कूलिंग पर फैसला किया जाएगा।
राजस्थान में वैक्सीन के रखने के लिए 2400 से ज्यादा इंस्टीट्यूशन्स (प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) पर व्यवस्था की है। इसके अलावा संभाग स्तर पर और वहां से जिला स्तर पर भी वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए हैं। इन सभी सेंटर पर 4 करोड़ से ज्यादा डोज स्टोरेज के लिए स्पेस बनाया गया है।
इसमें माइनस 15 (-15) से माइनस 25 डिग्री सेल्सियस (-25) के तापमान में लगभग 1 करोड़ वैक्सीन की डोज रखी जा सकेगी। जबकि 2 से 8 डिग्री तक टेम्प्रेचर में लगभग 3 करोड़ डोज रखने की व्यवस्था की गई है। वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद फाइनल टेम्परेचर तय किया जाएगा।

हेल्थ डिपार्टमेंट के सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान में फ्रंटलाइन वॉरियर्स (अस्पतालों में काम करने वाले सभी लोगों) के लिए पहले चरण में 10 लाख डोज मंगाईं जाएंगी। क्योंकि पूरे प्रदेश में सरकारी एवं निजी सेक्टर में काम करने वाले इन वॉरियर्स की संख्या करीब 5 लाख है।
एक व्यक्ति को दो डोज लगेंगे। पहले और दूसरे डोज के बीच 25 से 30 दिन का अंतर होगा। पहले चरण में कितनी डोज भेजे जाएंगे, ये केन्द्र सरकार अपने पास मौजूद स्टॉक के आधार पर निर्धारित करेगी।
सभी जिला मुख्यालयों पर बने अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों, प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को वैक्सीनेशन के लिए तैयार किया जा रहा है। जिला स्तर पर टीकाकरण के लिए टास्क फोर्स बनाई जाएगी। इसमें 7-8 लोग होंगे। एक हेल्पर, दो रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया करने वाले, 2 वैक्सीन लगाने वाले और 3 या 4 सुरक्षाकर्मी होंगे।