
नई दिल्ली। केंद्र में मोदी सरकार के “नौ साल: सेवा, सुशासन, गरीब कल्याण” विषय पर शनिवार को विज्ञान भवन में आयोजित सम्मेलन में “जन-जन का विश्वास” नामक सत्र में कई नामी लोगों ने भाग लिया। इनमें प्रमुख रूप से बॉक्सर निखत ज़रीन; अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी; सिंथिया मैककैफ्री, भारत में यूनिसेफ की प्रतिनिधि; नर्स एवं पद्मश्री अलंकृत शांति टेरेसा लकड़ा; पर्यावरणविद् अनिल प्रकाश जोशी और सीखो की सह-संस्थापक दिव्या जैन शामिल हैं। इस मौके पर सभी वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार के नौ साल में न केवल लोगों में भरोसा बढ़ा है बल्कि समावेशी विकास में भी बढ़ोतरी हुई है।
इस मौके पर भारतीय मुक्केबाज और 2 बार की विश्व चैंपियन निखत ज़रीन ने कहा कि मोदी सरकार की प्रमुख योजना खेलो इंडिया ने भारतीय खेल प्रतिभाओं को पंख दिए हैं और अधिक युवा एवं प्रतिभाशाली भारतीयों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में सक्षम बनाया है। उन्होंने अपने जैसी लड़कियों और महिलाओं को सशक्त बनाने में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के परिवर्तनकारी प्रभाव के बारे में भी बताया।
अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में परिवहन बहुत आसान हो गया है। कोई भी युवा जो कुछ बड़ा करना चाहता है, उसके पास आज अपने सपनों को साकार करने के लिए बहुत सारी सहायता प्रणालियां हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात करते हुए अभिनेता ने कहा कि लड़कियों के प्रति दृष्टिकोण और मानसिकता अब बदल गई है, जो लड़कियों के प्रति माता-पिता के बदले हुए दृष्टिकोण और महिलाओं की उपलब्धियों में परिलक्षित होती है।
सीखो की सह-संस्थापक दिव्या जैन ने कहा कि महिलाओं के नेतृत्व में विकास एक बड़ा बदलाव है, जो हुआ है। पिछले नौ वर्षों में 7 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं। सरकारी योजनाओं को इस तरह से डिजाइन किया गया है जिससे महिलाएं आगे आ सकें। महिलाओं को आगे आने में झिझक होती थी, अब महिलाओं के आगे आने से पूरा समुदाय आगे आता है और पूरा समाज बदल जाता है। यह परिवर्तन गांवों में जमीनी स्तर पर दिखाई दे रहा है।
एक स्टार्टअप उद्यमी के रूप में बोलते हुए दिव्या जैन ने कहा कि भारत ने पिछले एक साल में एफडीआई का सबसे बड़ा प्रवाह देखा। आज, भारत वैश्विक मंच पर प्रासंगिक है। सरकार ने हमें प्रासंगिक बनाने में शानदार काम किया है, हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि हमें अपने उद्यमियों और अपने युवाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है, हम ही भविष्य को परिभाषित करेंगे।