प्रधानमंत्री ने मणिपुर वॉटर सप्लाई प्रोजेक्ट की नींव रखी

3054 करोड़ के प्रोजेक्ट से 2.80 लाख घरों को नल कनेक्शन देने का लक्ष्य

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेे गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मणिपुर वॉटर सप्लाई प्रोजेक्ट की नींव (फाउंडेशन स्टोन) रखी। इस अवसर पर मोदी ने कहा- कोरोना के खिलाफ हमें मजबूती से लड़ते रहना है, विजयी होना है।

इसके साथ ही विकास के कार्यों को भी पूरी ताकत से आगे बढ़ाना है। प्रधानमंत्री ने नॉर्थ ईस्ट के लिए तीन पी का जिक्र किया। कहा, नॉर्थ ईस्ट में शांति की स्थापना हो रही है। पीस, प्रोग्रेस और प्रॉस्परिटी का मंत्र गूंज रहा है।

केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए जल जीवन मिशन के तहत फंड दिया है। इस पर 3,054.58 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। प्रोग्राम में मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला, मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह, सांसद और विधायक भी शामिल हुए।

जलधारा के साथ जीवनधारा भी

मणिपुर के लाखों साथियों के लिए विशेषकर बहनों के लिए बहुत बड़ा दिन है। राखी का त्योहार आने वाला है, उससे पहले मणिपुर की बहनों को ये बहुत बड़ी सौगात की शुरुआत होगी। 3000 करोड़ की लागत से पूरे होने वाले वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट से यहां के लोगों को पानी की दिक्कतें कम होंगी।

1700 से ज्यादा गांवों के लिए इस प्रोजेक्ट से जो जलधारा निकलेगी, वो जीवनधारा का काम करेगी। ये प्रोजेक्ट आज ही नहीं, बल्कि अगले 20-22 साल की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इसका काम लॉकडाउन में भी नहीं रुका।

ईज ऑफ लिविंग पर सबका हक

ईज ऑफ लिविंग, जीवन जीने में आसानी के लिए ये जरूरी है। पैसा कम-ज्यादा हो सकता है, लेकिन ईज ऑफ लिविंग पर सबका हक है। खासकर, गरीब, आदिवासियों का हक है। मणिपुर समेत पूरा भारत खुले में शौच से मुक्त होने की घोषणा कर चुका है।

हर परिवार बिजली के कनेक्टेड है। एलपीजी गैस गरीब से गरीब के किचन तक पहुंच चुकी है। हर गांव को अच्छी सड़क से जोड़ा जा रहा है। हर गरीब-बेघर को रहने के लिए अच्छे घर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। एक बड़ी कमी रह गई थी साफ पानी की, उसे पूरी करने के लिए भी मिशन मोड़ पर काम चल रहा है।

नॉर्थ ईस्ट पूर्वी एशिया का गेट वे

बेहतर जीवन का सीधा संबंध कनेक्टिविटी से है। नॉर्थ ईस्ट की कनेक्टिविटी यहां के लोगों के ईज ऑफ लिविंग के लिए तो जरूरी है ही। नॉर्थ ईस्ट, पूर्वी एशिया के साथ सांस्कृतिक रिश्तों का गेटवे है। 6 साल में पूरे नॉर्थ ईस्ट के इन्फ्रास्ट्रक्टर पर हजारों करोड़ का निवेश किया है।

कोशिश है कि नॉर्थ ईस्ट के राज्यों की राजधानियों को फोर लेन और गांवों को प्रमुख सड़कों से जोड़ा जाए। इसके लिए करीब 3000 किमी सड़कें तैयार हो चुकी हैं। 7000 किमी के प्रोजेक्ट्स पर काम तेजी से चल रहा है। रेल कनेक्टिविटी में बहुत बड़ा परिवर्तन दिख रहा है

अमन की ओर नॉर्थ ईस्ट

नॉर्थ ईस्ट में देश के विकास का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता है। यहां शांति की स्थापना हो रही है। पीस, प्रोग्रेस और प्रॉस्परिटी का मंत्र गूंज रहा है। नॉर्थ-ईस्ट, विशेषकर मणिपुर के नागरिकों का दिल के आभार करता हूं कि आपने हमारा साथ दिया।

दशकों से चला आ रहा हिंसा का दौर अब थम चुका है। त्रिपुरा और मिजोरम में भी हिंसा का दौर थम गया है। बेहतर इन्फ्रा, कनेक्टिविटी और शांति तीनों एक साथ बढ़ते हैं तो उद्योगों और निवेश के लिए संभावनाएं बढ़ जाता हैं। ये देश का ऑर्गेनिक कैपिटल बन सकता है।