हुंदै के चेन्नई कारखाने में परिचालन दोबारा शुरू, पहले दिन 200 कारों का उत्पादन

हुंडई,hyundai
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नई दिल्ली। हुंदै मोटर इंडिया ने शनिवार को कहा कि उसके चेन्नई कारखाने में परिचालन फिर शुरू हो गया है। परिचालन शुरू करने के पहले दिन इस कारखाने में 200 कारों का उत्पादन हुआ। कंपनी ने श्रीपेर बदूर कारखाने में आठ मई को विनिर्माण गतिविधियां फिर शुरू की हैं।

हुंदै मोटर इंडिया ने शनिवार को कहा कि उसके चेन्नई कारखाने में परिचालन फिर शुरू हो गया है।

हुंदै मोटर इंडिया ने बयान में कहा कि कंपनी के विनिर्माण संयंत्र में सुरक्षा और सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टैंसिंग) दिशा-निर्देशों का 100 प्रतिशत अनुपालन किया जा रहा है। कंपनी ने कहा कि सरकार कोरोना वायरस की वजह से संकट में आई अर्थव्यवस्था को उबारने का प्रयास कर रही है।

हुंदै का परिचालन शुरू करने के पहले दिन इस कारखाने में 200 कारों का उत्पादन हुआ।

ऐसे में विनिर्माण परिचालन शुरू होने से कंपनी आर्थिक गतिविधियों में योगदान दे पाएगी। राष्ट्रव्यापी बंद के तीसरे चरण में अंकुशों में कुछ ढील मिलने के बाद कई उद्योगों ने चरणबद्ध तरीके से फिर परिचालन शुरू कर दिया है।

फेसबुक, सिल्वर लेक और विस्टा के बाद दो कंपनियां भी खरीद सकती हैं जियो में बड़ी हिस्सेदार

कोरोना संकट के समय जब पूरा कारोबार ठप है, मुकेश अंबानी एकमात्र ऐसे उद्योगपति हैं जिन्होंने तीन सप्ताह के भीतर तीन डील कर कंपनी के लिए 60 हजार करोड़ रुपए का भारी-भरकम फंड जुटाया है। लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब और अमेरिका की दो और कंपनी जियो में बड़े पैमाने पर निवेश कर सकती है।

अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक रिलायंस जियो में 850-950 मिलियन डॉलर (6500 करोड़) का निवेश कर सकती है।

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माना जा रहा है कि यह डील मई के अंत तक हो जाएगी। खबर यह भी है कि सऊदी अरबिया प िलक इन्वेस्टमेंट फंड (पीआईएफ) भी जियो में माइनॉरिटी स्टेक खरीदना चाहती है। रॉयटर्स के सवाल पर जनरल अटलांटिक ने कमेंट करने से मना कर दिया, जबकि जियो और पीआईएफ ने अभी तक सवाल का जवाब नहीं दिया है।

बता दें कि कंपनी में पहले फेसबुक ने 43.5 हजार करोड़ रुपए, उसके बाद सिल्वर लेक ने लगभग 5 हजार करोड़ रुपए और अब विस्टा ने 11,367 करोड़ रुपए निवेश करने का एलान किया है। महज तीन सप्ताह से भी कम समय में रिलायंस लगभग 60 हजार करोड़ रुपए जुटाने में सफल रही है। इन कंपनियों के रणनीतिक निवेश से रिलायंस इंडस्ट्रीज को अपने कर्ज का बोझ कम करने में मदद मिलेगी।