इंडसइंड बैंक में प्रमोटर्स बढ़ा सकते हैं हिस्सेदारी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अगर अपने आंतरिक वर्किंग ग्रुप की सिफारिश को स्वीकार लेता है तो इंडसइंड में हिंदुजा भाइयों के लिए हिस्सेदारी बढ़ाने का मौका मिल सकता है। फिलहाल बैंक में हिंदुजा भाइयों की हिस्सेदारी प्रमोटर्स के रूप में 14.68 पर्सेंट है। इसे बढ़ाकर 26 पर्सेंट किया जा सकता है।

दूसरी ओर उदय कोटक के लिए फायदा हो सकता है। फिलहाल उनकी हिस्सेदारी कोटक महिंद्रा बैंक में 26 पर्सेंट है। हाल में RBI ने इसे घटाने के लिए कहा था। इस तरह से उन्हें अब आगे कोई हिस्सेदारी नहीं घटानी होगी।

NBFC के लिए रास्ता आसान हुआ

उधर दूसरी ओर इस सिफारिश के स्वीकार होने से 9 गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के बैंक बनने का रास्ता आसान हो जाएगा। ऐसी स्थिति में सबसे आगे महिंद्रा एंड महिंद्रा और बजाज फाइनेंस प्रमुख दावेदार होंगी। जबकि पेटीएम जैसे पेमेंट्स बैंक भी स्मॉल फाइनेंस बैंक बन सकते हैं। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि यह सभी कॉर्पोरेट घरानों की NBFC हैं और नियमों का पालन करती हैं। इस वर्किंग ग्रुप की स्थापना 12 जून 2020 को की गई थी।

बजाज का AUM 1.15 लाख करोड़ रुपए

मार्च 2020 में बजाज फाइनेंस का असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 1.64 लाख करोड़ रुपए रहा है। इसकी कुल इनकम 18,502 करोड़ रुपए रही है। शुद्ध लाभ 3,995 करोड़ रुपए रहा है। इसकी 1803 शाखाएं हैं जिसमें से 900 से ज्यादा शाखाएं ग्रामीण भारत में हैं। महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेस का AUM चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 81,436 करोड़ रुपए रहा है। तिमाही में इसका शुद्ध लाभ 156 करोड़ रुपए था। इसकी करीबन 1300 शाखाएं हैं। इसके अलावा कुल 7 और NBFC हैं जिनकी असेट्स 50 हजार करोड़ से ज्यादा है।

इसमें प्रमुख रूप से आदित्य बिरला कैपिटल, एलएंडटी फाइनेंस, चोला फाइनेंस, पिरामल इंटरप्राइजेज, मुथूट फाइनेंस और एसआरटी फाइनेंस हैं। RBI की सिफारिश वाले नियमों में 50 हजार करोड़ की असेट को शर्त के रूप में रखा गया है।