
बारिश के मौसम में मच्छरों से होने वाली बीमारियों के कारण रोज अस्पताल में बढ़ रही मरीजों की संख्या
अभी मानसून का दौर चल रहा है, अचानक हुए मौसम में बदलाव के कारण मौसमी बीमारिया होना आम बात है। बारिश के दौर और मौसम में बदलाव के कारण मौसमी बीमारियां और मच्छरों जनित रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
मौसम में बदलाव के कारण आपको सर्दी-जुकाम, सिर दर्द, उल्टी, दस्त, थकान, डिहाइड्रेशन जैसी बीमारियां तो वहीं बारिश के कारण मच्छरों के बढऩे से मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगी, पीला बुखार जैसे संक्रमण हो सकते हैं। मौसम में परिवर्तन और मच्छरों से होने वाली बीमारियों के कारण रोज अस्पताल में आने वाले ऐसे रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसे में डॉक्टर्स लोगों को सही खान-पान और मच्छरों से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए कह रहे हैं।
मौसम में बदलाव के कारण ये हो सकती है बीमारिया
डॉ. बलवीर सिंह तोमर, चेयरमैन, निम्स हॉस्पिटल ने बताया कि मौसम में बदलाव और बारिश के दौर में सर्दी-जुकाम, सिर दर्द, उल्टी, दस्त, थकान, डिहाइड्रेशन, पेट दर्द, बदन दर्द जैसी बीमारियां हो सकती है। वहीं बारिश के मौसम में हर जगह पानी भरने के कारण मच्छरों की संख्या लगातार बढ़ती है, ऐसे में मच्छरों के काटने से होने वाले रोगों में भी इजाफा होता है। मच्छर के काटने से मलेरिया, चिकनगुनिया, इन्सेफेलाइटिस सुस्ती, डेंगी, पीला बुखार और टीका वायरस जैसे रोग हो सकते हैं।

बात करे आंकड़ों की तो सिर्फ हमारे देश में ही हर साल 40 हजार से ज्यादा लोगों की मौत मच्छरों के कारण हो जाती है और तकरीबन 10 लाख लोग इनके काटने से होने वाली बीमारियों का शिकार बन जाते हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के अनुसार 2010 में 46,800 लोगों को मलेरिया लील गया था।
जबकि अफ्रीकी देशों में तो हर 45 सेकेण्ड में एक बच्चे की मौत मलेरिया मच्छरों के काटने से होने वाले रोगों के कारण हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की जारी 2018 वल्र्ड मलेरिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2016 की तुलना में 2017 में मलेरिया के मामलों में 24 फीसद कमी आई है। भारत में मलेरिया के मामले 2017 में प्रति एक हजार जनसंख्या पर 0.66 रहे। वहीं 2019 में करीब 1.35 लाख मामले डेंगू के सामने आए थे।
लक्षण
डॉ. बलवीर सिंह तोमर ने बताया कि वैसे तो अलग-अलग मच्छर के काटने से विभिन्न तरह की बीमारियां होती है और इनके लक्षण भी अलग-अलग होते हैं। जहां एडीज मच्छर के काटने से चिकनगुनिया, डेंगी बुखार, लिम्फेटिक फिलेरियेसिस, पीला बुखार और टीका संक्रमण का कारण बनते हैं। एनोफिलीज मलेरिया, लिम्फेटिक फिलेरियेसिस का कारण बनता है। वहीं तेज बुखार, दर्द, भूख न लगना, उल्टी-दस्त, गले में खरास, पेट दर्द आदि कई बीमारिया हमें मौसम के बदलाव के कारण होती है। इस तरह के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर्स से परामर्श और उपचार ले।
इन बीमारियों से बचने के लिए करे ये उपाय
डॉ. पंकज सिंह, डायरेक्टर, निम्स हॉस्पिटल, ने बताया कि हम छोटे-छोटे उपाय कर मौसमी बीमारियों और मच्छरों के कारण से होने वाले रोगों से आसानी से बच सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि घर या आसपास सफाई रखे, संतुलित और पौष्टिक आहार ले, भरपूर पानी पिए और नियमित व्यायाम करे।
वहीं मच्छरों से होने वाले रोगों से बचने के लिए घर या आसपास पानी जमा नहीं होने दें, कूलर, गमला या अन्य खाली बर्तन में कहीं भी पानी जमा कर नहीं रखें। खुद को मच्छरों से बचाएं और खिड़कियों-दरवाजों में जाली व सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आसपास रासायनिक कीटनाशी या फोगिंग करवाएं।
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