देशभर में अव्वल रहा राजस्थान हाईकोर्ट, 1.20 लाख से ज्यादा मुकदमों की वीसी से सुनवाई

जयपुर। देश सहित प्रदेशभर में पिछले छह- सात महीनों से कोरोना महामारी का संक्रमण जारी है। लेकिन फिर भी राजस्थान हाईकोर्ट सहित प्रदेशभर की लोअर कोर्ट में जरूरी केसों में न केवल वीसी से आनॅलाइन व प्रत्यक्ष तौर पर सुनवाई जारी है, बल्कि पक्षकारों को भी न्याय मिल रहा है। हाईकोर्ट की जोधपुर मुख्यपीठ व जयपुर पीठ में लॉक डाउन शुरू होने की तारीख 23 मार्च से लेकर 15 सितंबर तक के करीब छह महीनों में 40,847 केसों की वीसी से सुनवाई हुई है।

इनमें से जोधपुर मुख्यपीठ में जहां 16,009 केसों की वीसी से सुनवाई हुई वहीं जयपुर पीठ में 24,916 केसों की सुनवाई हुई। इसी तरह प्रदेश भर के 36 जिलों की लोअर कोर्ट में भी लॉक डाउन के दौरान 79,118 जरूरी केसों की वीसी से ऑनलाइन सुनवाई हुई।

दरअसल कोरोना महामारी का संक्रमण शुरू होते ही हाईकोर्ट प्रशासन ने हाईकोर्ट सहित प्रदेशभर की लोअर कोर्ट के लिए केन्द्र व डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के अनुसार दिशा-निर्देश जारी किए। साथ ही हाईकोर्ट व लोअर कोर्ट में जरूरी केसों की ऑनलाइन सुनवाई की सुविधा मुहैया कराई।

राजस्थान हाईकोर्ट 17,843 केस गुजरात हाईकोर्ट 15,567 केस गोहाटी (असम )14,804 केस मध्यप्रदेश हाईकोर्ट14,721 केस पटना हाईकोर्ट14,155 केस

देशभर के हाईकोर्ट में 1.90 लाख केसों की सुनवाई

लॉकडाउन के मार्च, अप्रैल, मई व जून महीनों के दौरान देशभर के हाईकोर्ट में वीसी से 1,90,149 केसों की सुनवाई हुई थी। जिसमें राजस्थान हाईकोर्ट सबसे ज्यादा केसों में ऑनलाइन सुनवाई कर देशभर में अव्वल रहा। इस दौरान 23 मार्च से 22 जून की अवधि में राजस्थान हाईकोर्ट में 17,843 केसों की ऑनलाइन सुनवाई कर पहले स्थान पर रहा।

गुजरात हाईकोर्ट 15,567 केसों के साथ दूसरे, गोहाटी हाईकोर्ट (असम) 14,804 केसों के साथ तीसरे, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट 14,721 केसों के साथ चौथे और पटना हाईकोर्ट 14,155 केसों की ऑनलाइन सुनवाई कर पांचवें स्थान पर रहे। वहीं इस दौरान दिल्ली हाईकोर्ट में महज 5,508, इलाहाबाद हाईकोर्ट में 5,589 व बॉम्बे हाईकोर्ट में 5,263 केसों में

जनहित व जरूरी केसों में प्रभावी रही वीसी

आपराधिक केसों के अधिवक्ता दीपक चौहान ने बताया कि लॉक डाउन व अनलॉक डाउन के दौरान वीसी से सुनवाई प्रभावी रही है। इससे जहां संक्रमण का खतरा नहीं रहा वहीं फैसलों की नकल भी ऑनलाइन मिलने से किसी को अनावश्यक कोर्ट नहीं आना पड़ा। वहीं, अधिवक्ता विकास सोमानी व प्रेमचंद देवंदा ने बताया कि जनहित, कर्मचारियों की भर्तियों, जमानत,पैरोल व वाहनों की सुपुर्दगी से जुड़े केसों में कोर्ट में वीसी असरदार रही।