
राजस्थान में मौसम का हालचाल बिगड़ा हुआ है, राजस्थान में पश्चिमी विक्षोभ के कारण सोमवार को मौसम का विकराल रूप देखने को मिला।
जयपुर। प्रदेश में इन दिनों रोज मौसम पलटी मार रहा है। तपतपाती धूप के बाद सांझ ढलते ही आंधी-तूफान के साथ वर्षा का दौर शुरू हो जाता है। जबकि हमेशा अप्रेल-मई माह में भीषण गर्मी रहती है। इस बार वायुमंडल में बदलाव के कारण पूरे प्रदेश में आंधी-तूफान और ओलावृष्टि का क्रम जारी रहा, इससे मौसमी बीमारियों का भी खतरा पैदा हो गया है। वहीं लोगों को गर्मी से राहत मिल रही है।
पिछले दो दिनों से राजस्थान में पश्चिमी विक्षोभ के कारण सोमवार को मौसम का विकराल रूप देखने को मिला। प्रदेश में आए आंधी-तूफान से कई जगहों पर हवा के साथ पेड़ और बिजली के पोल उखड़ गए। इससे बिजली आपूर्ति ठप हो गई। मकानों पर लगे टीन शेड उडक़र दूर जा गिरे। टोंक में तीन और कोटा में एक की जान गई। प्रदेश में पिछले 10-12 दिन से आंधी और ओलावृष्टि का दौर जारी है।
राजस्थान: प्रदेश में नहीं थम रही कोरोना की रफ्तार
राजस्थान प्रदेश में इन दिनों रोज मौसम पलटी मार रहा है।
मंगलवार को भी जयपुर सहित कई जिलों में रात को बरसात हुई। सोमवार रात से ही मौसम ने कहर बरपाया। तीन जिलों में आंधी-बारिश से 6 लोगों की मौत हो गई।
टोंक-सवाई माधोपुर में 5 और कोटा में एक की मौत हुई। 24 से ज्यादा लोग घायल हो गए। टोंक में 300 बिजली के पोल और 150 ट्रांसफार्मर भी क्षतिग्रस्त हो गए। राज्य में तेज आंधी के बाद ओले गिरे, दो दिन में मौसम ने 13 की ली जान
राजस्थान में तपतपाती धूप के बाद सांझ ढलते ही आंधी-तूफान के साथ वर्षा का दौर शुरू हो जाता है।
इससे पहले रविवार को भी प्रदेश के तीन जिलों में आंधी, ओले और बारिश से 7 लोगों की मौत हुई थी। इस तरह दो दिनो में मौसम ने 13 लोगों की जान ले ली। प्रदेश में पिछले 10 दिनों से आंधी-ओलावृष्टि का दौर जारी है। यहां तूफान के कारण ज्यादा नुकसान मकानों को ही हुआ।
राजस्थान में तेज आंधी के बाद ओले गिरे, दो दिन में मौसम ने 13 की ली जान
ओलावृष्टि से कई स्थानों पर पशुओं की भी मौत हुई है। शाहपुरा में सोमवार रात को गिरे ओले मंगलवार सुबह तक नहीं पिघले। सोमवार रात को प्रदेश के अजमेर, सीकर, नागौर, जयपुर, भीलवाड़ा, टोंक, दौसा, अलवर, भरतपुर, चि ाौडग़ढ़, बूंदी करौली, कोटा, झालावाड़ और झुंझुनूं में ओले गिरे। प्रदेश में अचानक बदले मौसम से आ रहे तेज अंधड़ व बारिश ने सरकारी बिजली कंपनियों का 20 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ।