मस्कट में राजस्थानी समुदाय ने धूमधाम से मनाया गणगौर उत्सव

मस्कट में राजस्थानी समुदाय
मस्कट में राजस्थानी समुदाय

मस्कट। ओमान की राजधानी मस्कट में बीती 24 मार्च को गणगौर उत्सव राजस्थानी प्रवासियों द्वारा मनाया गया। 50 से अधिक महिलाओं ने परिवार और दोस्तों के साथ इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यह एक थीम आधारित यात्रा कार्यक्रम था। ईसर गणगौर की मूर्तियों को डॉ. ज्योति बुराड ने हाथ से बनाया था, जो कार्यक्रम की आयोजक भी थीं। महिलाओं ने स्टाइलिश ज्वैलरी के साथ पारंपरिक लंहगा-ओढऩी पहनी थी। ईसर-गणगौर का एक सुंदर मंदिर सेटअप मुख्य आकर्षण था।

मस्कट में राजस्थानी समुदाय
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गौर ए गणगौर माता खोली किंवाड़ी गीत के साथ महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से मां गणगौर की पूजा की। कार्यक्रम के अगले भाग में राजस्थानी गणगौर गीत जैसे (घोर घोर गोमती, ईसर पूजा पार्वती) शामिल थी। इसके बाद चोपड़ा और टीका, चुनरी, हिंडा, ज्वारा और अन्य बाधवा गीत शामिल थे। पूजा का अंतिम भाग अरक के साथ सूर्य देव को समाप्त किया गया और गणगौर पर अधिकार किया गया।

लेडीज डांस से समापन

मस्कट में राजस्थानी समुदाय
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कार्यक्रम का समापन लेडीज डांस से हुआ, जिसमें महिलाओं ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। पारंपरिक नृत्य प्रतिभागियों द्वारा अच्छी तरह तैयार और निष्पादित किया गया था। कार्यक्रम को आयोजित करने का विचार सभी परिवारों से जुडऩा और हमारी राजस्थान की संस्कृति से अच्छी तरह वाकिफ होना है। नविता अग्रवाल ने इस राजस्थानी त्योहार के महत्व को प्रदर्शित किया, क्योंकि गणगौर राजस्थान में महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण और पारंपरिक त्योहारों में से एक है।

मस्कट में राजस्थानी समुदाय
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गणगौर दोनों के मिलन का उत्सव मनाता है। वैवाहिक और वैवाहिक सुख का प्रतीक है। गणगौर हिंदू कैलेंडर के पहले महीने चैत्र (मार्च अप्रैल) के महीने में मनाया जाता है। यह महीना सर्दियों के अंत का प्रतीक है। यह त्योहार विशेष रूप से महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। इन मूर्तियों की अविवाहित लड़कियों द्वारा पूजा की जाती है, जो एक अच्छे पति के लिए गण और गौरी का आशीर्वाद मांगती हैं। जबकि विवाहित महिलाएं अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य और लंबे जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं। आयोजन में लड़कियां अपनी मातृभूमि से दूर गणगौर के त्योहार का सार सीख सकती हैं। त्योहार असाधारण रूप से संगीत के साथ आयोजित किया गया था।

मस्कट में राजस्थानी समुदाय
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कार्यक्रम में डॉ. ज्योति बुराड़ और नवीना अग्रवाल का काफी सहयोग रहा। गरिमा अग्रवाल, प्रियंका मालपानी, पूजा खंडेलवाल, पूजा सोनी, अलका कोठारी, ज्योति ओम, डॉ. रश्मि गुप्ता, अनीता धांडे, मुदिता, भावना, अलगू, ईशा शर्मा, डॉ. अंजलि, डॉ. शाहिला, डॉ. योगिता, माधुरी, खुशबू तन्ना, सुगंधा, मेघा, नीति मुंडे आदि इसमें शामिल हुए।

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