
प्रभारी मंत्री ने यूरिया, खाद की कमी व कालाबाजारी पर जताई नाराजगी
प्रतापगढ़। जिले के प्रभारी मंत्री व कृषि विपणन एवं सम्पदा (स्वतंत्र प्रभार), पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग के राज्य मंत्री मुरारीलाल मीणा ने मिनी सचिवालय में सोमवार को जिला अधिकारियों की बैठक लेकर यूरिया और खाद की कमी और कालाबाजारी को लेकर सामने आ रही शिकायतों को लेकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अधिकारी इसकी पूरी मॉनिटरिंग करें और किसानों को परेशानी होने से बचाएं।
जिस पर उन्हें बताया गया कि कलेक्टर के निर्देश पर कृषि विभाग की तरफ से लगातार धरियावद क्षेत्र में अभियान चलाया जा रहा है। प्रभारी मंत्री ने वैक्सीनेशन में राज्य स्तर पर जिले के प्रथम डोज में प्रथम स्थान एवं द्वितीय डोज में 80 प्रतिशत वैक्सीनेशन करने पर चिकित्सा टीम को बधाई दी। उन्होंने इसी तरह प्रतापगढ़ जिले को विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों में प्रथम स्थान पर लाने के प्रयास करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
बैठक में विधायक रामलाल मीणा, एसपी डॉ. अमृता दुहान, उपवन संरक्षक सुनिल कुमार, एडीएम गोपाललाल स्वर्णकार, भानुप्रताप सिंह, एएसपी चिंरजीलाल मीणा व जिला कोषाधिकारी जितेन्द्र कुमार सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे। प्रभारी मंत्री ने वन विभाग की घर-घर औषधि योजना, नगर परिषद द्वारा संचालित इंद्रा शहरी क्रेडिट कार्ड योजना का पात्र लोगों को लाभ पहुंचाने, उच्च शिक्षा के तहत कालीबाई भील मेघावी छात्रा स्कूटी योजना, देवनारायण छात्रा स्कूटी योजना, कौशल उद्यमिता विभाग द्वारा संचालित योजनाएं व बजट घोषणाएं अनुसार कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।
उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा सड़क मरम्मत के कार्यों, पेयजल विभाग द्वारा जल जीवन मिशन योजना के तहत 554 गांवों में स्वीकृत कार्यों, मनरेगा के कार्यों, पम्प सेट, कुसुम योजना आदि की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण के कार्यों को गति दें और ठेकेदार निर्धारित मानदंड पर काम पूरा करें ताकि हादसे न हो। उन्होंने प्रशासन गांवों एवं शहरों के संग अभियान के तहत पात्र लोगों को पट्टे जारी करने सहित 20 सूत्रीय कार्यक्रमों की विभागवार समीक्षा की। कलेक्टर प्रकाशचंद्र शर्मा ने विभागवार योजनाओं की जानकारी देकर प्रभारी मंत्री को अवगत कराया व प्रशासन गांवों व शहरों के संग अभियान की प्रगति एवं फोलोअप शिविरों की जानकारी दी।
यह भी पढ़ें- सेवा नहीं करने पर बच्चों के नाम की प्रोपर्टी वापस ले सकते हैं अभिभावक : सेठ