
लोस में चार सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग करते हुए विपक्षी सदस्यों का हंगामा
लोक सभा में आज विपक्षी दलों का हंगामा जारी रहा । इस हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही को पहले 12 बजे और फिर बाद में 2 बजे तक स्थगित करना पड़ा । सोमवार को दोपहर 12 बजे लोक सभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही डीएमके, एनसीपी और लेफ्ट सहित कई अन्य दलों ने खाद्य पदार्थों पर लगाए गए जीएसटी और महंगाई को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी ।

इस दौरान कांग्रेस सांसद भी वेल में आकर अपने चार सांसदों का निलंबन रद्द करने की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे । हंगामे के बीच ही पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने सभा पटल पर रखे जाने वाले कागजों को सदन में पेश करवाया । इस बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सदन में केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2022 को पेश भी किया ।
लोक सभा में आज :
इस बीच सरकार की तरफ से बोलने के लिए खड़े हुए संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए कहा कि इनकी डिमांड पर ही महंगाई पर चर्चा कराने की मांग मानी गई है लेकिन इसके बावजूद ये हंगामा कर रहे हैं । मेघवाल ने कहा कि सही बात तो यह है कि विपक्षी दल सदन में महंगाई पर चर्चा कराना ही नहीं चाहते हैं. हंगामे की वजह से लोक सभा स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को 12 बजे तक स्थगित कर दिया ।
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इससे पहले तल्ख टिप्पणी करते हुए बिरला ने कहा कि वे सदन की मर्यादा बनाए रखना चाहते हैं और इस तरह से सदन चलाना उचित नहीं है. दरअसल, सोमवार को लोक सभा की कार्यसूची में महंगाई के मसले पर नियम-193 के तहत चर्चा भी शामिल है. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और शिवसेना सांसद विनायक राउत की ओर से महंगाई के मुद्दे पर नियम-193 के तहत चर्चा कराने को लेकर नोटिस दिया गया है, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. आपको बता दें कि लोक सभा में तख्तियां लहराने और वेल में आकर नारेबाजी करने के लिए 25 जुलाई को कांग्रेस के चार सांसदों – माणिक टैगोर, एस. ज्योतिमणि, टीएन प्रथापन और राम्या हरिदास को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था