
संदेशखाली में हुआ था महिलाओं का उत्पीड़न और जमीन पर कब्जा
कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को संदेशखाली केस की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया। संदेशखाली में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं के खिलाफ महिलाओं पर यौन अत्याचार और जमीन हड़पने के आरोप लगाए गए थे। अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को मछली पालन के लिए कृषि भूमि के अवैध रूपांतरण पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर हुए हमले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। कोर्ट ने आज आदेश देते हुए कहा संदेशखाली केस में मामलों की जटिलता को देखते हुए इसमें कोई संदेह नहीं है कि निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए। हमारी राय है कि जिस भी एजेंसी को प्रभारी बनाया जाए, राज्य को उसे उचित समर्थन देना होगा।
शिकायतों के लिए बनाएं पोर्टल/ईमेल आईडी
इसमें कहा गया है शिकायतें प्राप्त करने के लिए एक पोर्टल/ईमेल आईडी लॉन्च किया जाना है। जिला मजिस्ट्रेट को स्थानीय भाषा में इसे जारी करने की तारीख का उल्लेख करते हुए पर्याप्त प्रचार करना चाहिए। सीबीआई एक व्यापक रिपोर्ट दाखिल करेगी और जमीन हड़पने की जांच भी करेगी।
किसी से भी पूछताछ कर सकेगी एजेंसी
एजेंसी के पास आम लोगों, सरकारी विभागों, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) आदि सहित किसी से भी पूछताछ करने की शक्ति होगी।
कोर्ट की रहेगी नजर
अदालत ने कहा कि कोर्ट पूरे मामले पर बारीकी से नजर रखेगा। 15 दिन के अंदर प्राथमिकता के आधार पर सीसीटीवी कैमरे लगाने हैं। एलईडी स्ट्रीट लाइटें भी लगाई जानी हैं। आवश्यकतानुसार धनराशि राज्य द्वारा दी जाएगी। इसने मामले को 2 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
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