इन उपायों से नहीं लगेगी शनि की साढ़ेसाती

शनि की साढ़ेसाती
शनि की साढ़ेसाती

वैदिक ज्योतिष में शनि को न्याय का देवता कहा गया है क्योंकि शनि देव कर्मों के अनुसार फल देते हैं। इसके साथ ही शनि सबसे धीमी चाल चलते हैं। शनि ढाई साल में राशि परिवर्तन करते हैं इसलिए किसी राशि में दोबारा पहुंचने में शनिवदे को तीस साल लग जाते हैं। इस समय शनि कुंभ राशि में हैं। शनि 30 साल बाद अपनी मूल त्रिकोण राशि में हैं और 29 मार्च 2025 तक रहेंगे।

इन राशियों के कुंडली में चल रही है शनि ढैय्या और शनि की साढ़ेसाती

वर्तमान समय पांच राशियां ऐसी हैं, जिन पर शनि की कुदृष्टि बनी हुई हैं। कर्क और वृश्चिक राशि की कुंडली में शनि ढैय्या चल रही है और मकर, कुंभ व मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में इन जातकों को शनि देव से जुड़े कुछ विशेष चीजों का दान अवश्यक करना चाहिए।

शनि ढैय्या के प्रभाव को कम करने के लिए

शनि की साढ़ेसाती
शनि की साढ़ेसाती

कर्क और वृश्चिक राशि के जातक शनि जयंती के दिन खिचड़ी का दान अवश्य करें। इसके साथ इस दिन काले उड़द, सरसों का तेल और गुड़ का दान करने से भी जातकों को विशेष लाभ मिल सकता है और शनि ढैय्या के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है।

शनि की साढ़ेसाती से बचने का उपाय

इस समय शनि की साढ़ेसाती का अशुभ प्रभाव मकर, कुंभ और मीन राशि के जातकों पर पड़ रहा है। ऐसे में शनि जयंती के दिन शनि देव की कृपा दृष्टि पाने के लिए हल्का सरसों का मिलाकर स्नान करें। साथ ही दीपक में काला तिल और लोहे का छोटा टुकड़ा डालकर जलाना चाहिए। ऐसा करने से शनि के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है।

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