सीखो राजस्थानी प्रोजेक्ट लॉन्च

राजस्थानी भाषा अकादमी के वर्चुअल उद्घाटन समारोह में पूर्व महाराजा गजसिंह सहित प्रमुख हस्तियां जुड़ीं

प्रोजेक्ट संस्थापक विशेष कोठारी के अलावा राजस्थानी भाषा अकादमी की टीम भी हुई शामिल

जयपुर । राजस्थानी भाषा अकादमी ने 3 अगस्त को अपने सबसे पहले सीखो राजस्थानी प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। एच एच गजसिंह, जोधपुर के महाराजा, यूनिवर्सिटी ऑफ वारसॉ से प्रोफेसर अलेक्जेंडर तुरेक, यूनिवर्सिटी ऑफ चिकागो से प्रोफेसर टाइलर विलियम्स, जैसे प्रख्यात वक्ताओं ने इस कार्यक्रम की सुंदरता को और बढ़ा दिया था। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास एंड ऑस्टिन से प्रोफेसर दलपत राजपुरोहित और संस्थापक विशेष कोठारी ने इस उद्घाटन समारोह में प्रमुख भूमिका निभाई। नेहा मालू, गिरिराज बोहरा, सुजान चैटर्जी, दिव्या मेहता, और डी. चौधरी भी राजस्थानी भाषा अकादमी की माननीय टीम का हिस्सा है।

जोधपुर के पूर्व महाराजा गजसिंह ने हमारे राजस्थान के उक्ति परम्परा के संरक्षण के हित में राजस्थानी भाषा अकादमी जैसी संस्था की जरूरत को स्वीकार किया। राजस्थानी भाषा और साहित्य के विशेषज्ञ प्रोफेसर अलेक्जेंडर तुरेक ने लिखित खातों का उल्लेख करते हुए कहा कि राजस्थान के लोग सदियों से अपनी भाषा और साहित्य तथा अपने साहित्यिक समृद्धि से अवगत होकर उससे सम्मान देते आए है।

भक्ति काल के जाने माने विशेषज्ञ प्रोफेसर विलियम्स ने इस वार्तालाप को आगे बढ़ाते हुए हमारे दर्शकों को किसी भी प्रारंभिक हिंदी की साहित्यिक परम्परा पर छात्रवृति के लिए राजस्थानी भाषा की महत्त्वपूर्णता से अवगत किया। यही नहीं उन्होंने इसके अलावा राजस्थानी साहित्य में पुरानी सदियों से इक्कसवीं सदी के बीच जो बदलाव आये उसपर भी अपनी राय दी।

राजस्थान फाउंडेशन के कमिश्नर धीरज श्रीवास्तव की प्रतिनिधि के रूप में निधि सेन कार्यक्रम से जुड़ी। उन्होंने हमारे सहभागियों को राजस्थान फाउंडेशन और राजस्थान सरकार के प्रयासों के बारे में प्रबुद्ध किया। उन्होंने बताया कि फाउंडेशन के माध्यम से राजस्थान से बाहर रहने वाले राजस्थानी प्रवासियों को अपनी जड़ों से जोडऩे के साथ-साथ भाषा-संस्कृति के विकास पर विशेष ध्यान देते हैं।

इस कार्यक्रम के अंतिम क्षणों में यह घोषणा की गई की राजस्थानी भाषा सीखने का सबसे पहला जत्था पूरी तरह से सब्सक्राइब किया गया है। राजस्थानी भाषा अकादमी का उद्देश्य है की वह अहिस्ता-अहिस्ता स्टूडेंट्स और अन्य डायसपोरा कम्यूनिटीज के साथ जुड़कर राजस्थानी भाषा को आगे से आगे बढ़ावा देगी।

राजस्थानी भाषा अकादमी एक पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट है जिसकी स्थापना भारतीय ट्रस्ट एक्ट के तहत हुई है। इस एकेडमी के लक्ष्य को पाने में तथा राजस्थानी भाषा के संरक्षण और प्रचार में विभिन्न छेत्र के लोग हमारे साथ जुड़े है जैसे – रिसर्चर्स, लेखक, स्टूडेंट्स, शिक्षावाद। हमारा प्राथमिक उद्देश्य राजस्थानी सीखने और बढ़ावा देना है।