आत्मनिर्भरता को जीवनमूल्यों के शिक्षा से जोडऩे की आवश्यकता है

  • मातृभाषा में शिक्षा एवं बोलने को प्राधान्य दें : राज्यपाल भगतसिंह
  • पुणे में सुर्यदत्ता जीवनगौरव पुरस्कार का वितरण  

पुणे। आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पूरे देश में आत्मनिर्भरता का वातावरण है। इस आत्मनिर्भरता को जीवन मूल्यों की जोड़ देने की आवश्यकता है। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने पुणे के सूर्यदत्ता ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूट के सूर्यभवन में 23 वें स्थापना दिन के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय पुरस्कारों के वितरण अवसर पर मुख्य अतिथि के पद से बोलते हुए यह विचार व्यक्त किए। इस कार्यक्रम में नालंदा विद्यापीठ के कुलपति, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विजय भटकर, अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक अध्यक्ष आचार्यश्री डॉ लोकेशमुनिजी, भजनसम्राट अनूप जलोटा, वरिष्ठ अभिनेता रजा मुराद, सुर्यदत्ता के अध्यक्ष प्रो डॉ संजय चोरडिया, उपाध्यक्ष सुषमा चोरडिया, कार्यकारी विकास अधिकारी सिद्धांत चोरडिया आदि उपस्थित थे। 

इन्हें मिला पुरस्कार
‘सूर्यदत्ता जीवन गौरव पुरस्कार’ स्वर्गीय डॉ. टी. बी. सोलाबक्कणवार (कला आणि संस्कृति), वरिष्ठ चरित्र अभिनेता किरण कुमार (भारतीय सिनेमा), अभया श्रीश्रीमल जैन (वैश्विक उद्योजकता), डॉ. मुकुंद गुर्जर (विज्ञान व तकनीक), विक्रम राजदान (निर्देशक तथा निर्माता), डॉ. आर. एम. अग्रवाल (चिकित्सा समाजसेवा), कृष्ण प्रकाश (सार्वजनिक सेवा, स्वास्थ्य व तंदुरुस्ती), ज्योत्स्ना चोपडा (पर्यावरण संवर्धन व प्राकृतिक फल व सब्जी) को प्रदान किया गया। ‘सूर्यदत्ता राष्ट्रीय पुरस्कार’ पंडित विजय घाटे (भारतीय शास्त्रीय संगीत), डॉ. अद्याशा दास (पर्यटन व भारतीय हेरिटेज), अजिंक्य देव (भारतीय सिनेमा), साजन शाह (प्रेरक वक्ता), लावण्या राजा (वैश्विक उद्योजकता), रिया जैन (ललित कला-चित्रकला), राधिका ए जे (सर्जनशील कला) को प्रदान किया गया। ‘सूर्यदत्ता राष्ट्रीय पुरस्कार’ पंडित विजय घाटे (भारतीय शास्त्रीय संगीत), डॉ. अद्याशा दास (पर्यटन व भारतीय हेरिटेज), अजिंक्य देव (भारतीय सिनेमा), साजन शाह (प्रेरक वक्ता), लावण्या राजा (वैश्विक उद्योजकता), रिया जैन (ललित कला- चित्रकला), राधिका ए जे (सर्जनशील कला) को प्रदान किया गया।

आचार्य लोकेशमुनीजी ने मार्गदर्शन किया
आचार्य लोकेशमुनीजी ने भी मार्गदर्शन किया। तरुण कुमार चौधरी, अभयकुमार जैन, रिया जैन ने भी अपने विचार व्यक्त किए। शिल्पा भेंडे और सिद्धांत चोरडिया के निर्देशन में हुए इस कार्यक्रम में समूह संचालक डॉ. शैलेश कासंडे ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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संजय चौरडिय़ा ने किया सभी का स्वागत
डॉ. संजय चोरडिया ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि कोरोना ने हम सब को यह भी सिखाया कि खुद के साथ समाज के लिए कार्य करना भी जरुरी है। बच्चों पे बचपन से ही अच्छे संस्कार करने चाहिए। उनका बौद्धिक, मानसिक और भावनात्मक विकास होना चाहिए, विभिन्न क्षेत्रों के प्रेरणादायी व्यक्तित्व की उनको पहचान होनी चाहिए। इसी उद्देश्य से सुर्यदत्ता जीवनगौरव व राष्ट्रीय पुरस्कार के माध्यम से आदर्श व्यक्तित्त्व को हम उनके सामने लाते है।