कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर में नवनियुक्त कर्मचारियों के लिए हुआ सात दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम का शुभारंभ

कुलपति डॉ बलराज सिंह
कुलपति डॉ बलराज सिंह

कार्यरत व्यक्ति को अपने पद के कार्यों के साथ साथ अपनी कार्य सेवा देने वाले संगठन के कार्यक्षेत्र का ज्ञान होना आवश्यक है : कुलपति डॉ बलराज सिंह

कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर में नवनियुक्त कर्मचारियों के लिए सात दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कुलपति डॉ बलराज सिंह ने सभी कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी पद पर कार्यरत व्यक्ति को अपने पद के कार्यों के साथ-साथ अपने कार्य सेवा देने वाले संगठन के कार्यक्षेत्र का ज्ञान होना आवश्यक है साथ ही डॉ बलराज सिंह ने कहा कि सभी कर्मचारियों को अपने अधिकारों से पूर्व अपने कर्तव्यों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।

डॉ बलराज सिंह ने ओरिएंटेशन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ओरिएंटेशन के माध्यम से नए कर्मचारी अपने कार्य , विश्वविद्यालय की नीतियों, उनके सहकर्मियों और विश्वविद्यालय में उनकी भूमिका से विस्तार से परिचित हो सकेंगे। डॉ बलराज सिंह ने बताया की कृषि विश्वविद्यालय के तीन मुख्य कार्य होते है जिसमे शिक्षण, अनुसंधान व प्रसार शामिल हैं, तीनों कार्यों में विश्वविद्यालय के अशैक्षणिक कर्मचारियों की बहुत बड़ी भूमिका होती है।

साथ ही नवीन तकनीकी किसानों तक पहुंचने में अहम योगदान रहता है साथ ही कुलपति डॉ बलराज सिंह ने तकनीकी सहायक के कार्यों के बारे में बताते हुए कहा कि तकनीकी सहायक का काम बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। यह व्यक्ति संगठन में तकनीकी समस्याओं का समाधान करने और तकनीकी समर्थन प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होता है। साथ ही, उनका काम संगठन के तकनीकी उपकरणों की निगरानी और उनकी देखभाल करना भी होता है। इस प्रकार, तकनीकी सहायक संगठन के सुदृढ़ तकनीकी आधार को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

निदेशक प्रसार डॉ सुदेश कुमार ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए बताया की सात दिवसीय कार्यक्रम में नवनियुक्त कर्मचारियो को फसलों में बीमारी, खेत की जुताई में काम आने वाले कल्टीवेटर, हैरो, संरक्षित कृषि व उच्च मूल्य वाली फसलों आदि के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी । निदेशक एचआरडी डॉ बी एल ककरालिया ने कर्मचारियों को पूर्ण समर्पण एवं कठोर परिश्रम से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। अधिष्ठाता एवं संकाय अध्यक्ष डॉ एम आर चौधरी ने बताया की क्षेत्र प्रबंधक एवं कृषि पर्यवेक्षकों को फील्ड का सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक ज्ञान होना बहुत जरूरी है।

कार्यक्रम के पाठ्यक्रम निदेशक डॉ बसंत कुमार भींचर ने बताया कि इस सात दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नवनियुक्त फार्म मैनेजर एवं कृषि पर्यवेक्षकों को उनके कार्य के साथ साथ विश्वविद्यालय की कार्य प्रणाली के बारे में अवगत कराना है । साथ ही बताया कि इस 7 दिवसीय कार्यशाला में विभिन्न विषय जैसे रबी एवं खरीफ फसल प्रबन्धन, कृषि अभियांत्रिकी, सरंक्षित खेती, उद्यानिकी, कृषि प्रसंस्करण, समन्वित खेती आदि विषयो पर विशेषज्ञों द्वारा विस्तृत व्याख्यान आयोजित किए जाएंगे।

डॉ बसंत कुमार भींचर ने बताया कि इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न संगठक महाविद्यालयों से लगभग 41 नवनियुक्त फार्म मैनेजर एवं कृषि पर्यवेक्षकों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के दौरान निदेशक छात्र कल्याण डॉ के सी शर्मा , प्रोफेसर डॉ रामवतार शर्मा आदि मौजूद रहे ।