दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता की गंभीर स्थिति

नई दिल्ली। दिल्ली में तमाम उपायों के बावजूद वायु की गुणवत्ता सुधर नहीं रही। शनिवार सुबह भी दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में वायु की गुणवत्ता गंभीर स्थिति में रही। पंजाबी बाग और पीरागढ़ी जैसे इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से अधिक दर्ज किया गया। वहीं एनसीआर के शहरों का हाल भी बेहाल है।

सुबह छह बजे बवाना का वायु गुणवत्ता सूचकांक 445, आनंद विहार का 435, डीटीयू का 429, द्वारका का 407, आईटीओ 432 और आईजीआई का 387 दर्ज किया गया।
 
तेज हवाओं के बीच छाए स्मॉग के कारण दिल्ली के साथ ही नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद जैसे शहरों में वायु की गुणवत्ता बेहद गंभीर स्थिति में है। प्रदूषण का हाल बताने वाला पीएम 2.5 ज्यादातर शहरों में 400 के पार है, जबकि इसे 100 से नीचे होना चाहिए।

प्रदूषण कम करने के लिए जगह-जगह पर एंटी-स्मॉग गन से पानी का छिड़काव भी किया जा रहा है। बीते कई दिनों से प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली-एनसीआर में जगह-जगह एंटी-स्मॉग गन से पानी का छिड़काव किया जा रहा है।

खराब हवा में पराली का बढ़ा योगदान

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु मानक संस्था सफर के अनुसार, गुरुवार को दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में करीब 3,225 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई। इससे उत्पन्न होने वाले पार्टिकुलेट मैटर(पीएम) 2.5 की प्रदूषण में लगभग 21 फीसदी हिस्सेदारी रही।

एक दिन पहले 4,135 पराली जलाने की घटनाओं के साथ सीजन की सबसे अधिक 42 फीसद हिस्सेदारी दर्ज की गई थी। इससे पहले रविवार को 40  फीसदी और पिछले बृहस्पतिवार को 36 फीसदी का आंकड़ा रहा था। प्रदूषित तत्वों में शामिल पीएम10 और पीएम 2.5 के स्तर में सुधार देखने को मिला है।

इस कड़ी में गुरुवार को जहां पीएम10 498 दर्ज किया गया था शुक्रवार को यह आंकड़ा 381 रहा। पीएम 2.5 का आंकड़ा एक दिन पहले 336 था जबकि शुक्रवार को यह 231 तक गिर गया। सफर के अनुसार, शुक्रवार को उतरी दिशा की ओर हवाओं के रुख के कारण दिल्ली में प्रदूषण में मामूली रूप से सुधार हुआ है, हालांकि स्थिति अभी भी गंभीर है।