
मंजू के लोकगीतों ने सावन को रिझाया
मंजू के साथ ढोलक पर धमाकेदार संगत पावन डांगी ने की। की-बोर्ड पर अशफाक और हैण्डसॉनिक पर भावनी डांगी ने सुर और ताल से समा बाँधा।
जयपुर। सावन का महीना महिलाओं के लिए विशेष उत्साह और उमंग लेकर आता है और प्रियतमा लोक गीतों के माध्यम से अपने प्रीतम के आगमन की प्रतीक्षा करती है। नेट थेट पर सोमवार की शाम जयपुर की ख्यात नाम गायिका मंजू शर्मा ने सावन के गीतों के माध्यम से इंद्र को रिझाया और सुवर्षा की कामना की।
नेटथेट के संरक्षक, राजेन्द्र शर्मा “राजू” ने बताया कि सुरंगो सावणियो में मंजू शर्मा ने सावन के गीतों की शुरूआत ” म्हारा लहरिये रा नौ सौ रूपया रोकडा सा” गा कर राजस्थान की सतरंगी संस्कृति की छटा बिखेरी। इसके बाद ” रंगीलो सावन आयो जी, केसरियो हजारी गुल रो फूल, लहरियो तो ल्यादो गौरी रा साहिबा” गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मंजू के साथ ढोलक पर धमाकेदार संगत पावन डांगी ने की। की-बोर्ड पर अशफाक और हैण्डसॉनिक पर भावनी डांगी ने सुर और ताल से समा बाँधा।
रंगकर्मी अनिल मारवाड़ी के प्रयासों से प्रारंभ किये गये नेटथेट पर यह तीसरी प्रस्तुति थी। इस प्रयास को दर्शकों ने भरपूर सराहा है। लाइट विष्णु तथा राज साउंड के शानू ने संगीत सम्भाला रहे। सेट जितेंद्र और नोनू का था। प्रस्तुति प्रबंधक आलोक पारीक और मनोज स्वामी रहे।