
जयपुर। ख्याति नाम सितार वादक पंडित हरिहर शरण भट्ट ने सितार पर मौसम का राग मेघ की स्वर लहरिया छेडी। नेट-थेट के संरक्षक राजेंद्र शर्मा राजू ने बताया कि हाल ही में शुरू किए गए नेट-थेट (नेक्स्ट एरा थिएटर) पर नाटक के बाद सितार वादन कि यह प्रस्तुति दूसरी कडी के रूप मे थी।
हरि ने राग मेघ मे आलाप, जोड़, झाला और गत प्रस्तुत की । उनके वादन ने श्रोताओं के हृदय पर सुरीली रागों की बौछार कर सुकून दिया । पं. हरिहरन के साथ तबले पर युवा तबला नवाज़ पंडित महेंद्र शंकर डांगी ने सधी हुई संगत मन तृप्त कर दिया। प्रस्तुति प्रसारण मनोज स्वामी का था। संगीत राज का और प्रकाश पर विष्णु रहे।
मल्हार का मतलब बारिश या वर्षा है और माना जाता है कि मल्हार राग गाने से वर्षा होती है। तानसेन और मीरा मल्हार राग में गाने गाने के लिए मशहूर थे । माना जाता है के तानसेन के ‘मियाँ के मल्हार’ गाने से सुखा ग्रस्त प्रदेश में भी बारिश होती थी।