संक्रमण का संकेत हो सकता है आंखों में जमा रहने वाला कीचड़, जानें कारण और उपचार

आंखों में संक्रमण
आंखों में संक्रमण

सुबह नींद से उठने के बाद जब आप चेहरा धोने के लिए बाथरूम में पहुंचते हैं तो कई बार आंखों को साफ करने में अधिक मशक्कत करनी पड़ती है। बिना आंखें ठीक से धोए किसी के सामने चले जाना असहजता की स्थिति में भी डाल सकता है। आंखों के किनारों पर जमा होने वाला चिपचिपा पदार्थ जिसे आम भाषा में कीचड़, स्लीप क्रस्ट, सैंड आदि भी कहा जाता है, एक आम स्थिति है। चिकित्सकीय भाषा में इसे रूम या रह्यूम कहा जाता है। आमतौर पर यह रात की अच्छी और भरपूर नींद का संकेत होता है लेकिन कई बार यह समस्याओं की ओर इशारा भी कर सकता है। रात में ही आंखों में कीचड़ आने की वजह होती है। वहीं कीचड़ के रंग से आंखों की समस्या का भी पता चलता है।

कई पदार्थों से बना कीचड़

आंखों में संक्रमण
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जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है। कीचड़ कई तरह के कचरे का मिश्रण होद्यता है। आंखों का यह कीचड़ भी म्यूकस, पपड़ीदार निकली हुई त्वचा की कोशिकाओं, त्वचा के तेल और नींद के दौरान आंखों द्वारा उत्पन्न आंसुओं का मिश्रण होता है। यह एक सामान्य और सहज प्रक्रिया है, जो कि यह दर्शाती है कि आपकी आंखें स्वस्थ हैं और सही तरीके से काम कर रही हैं।

रात में ही होता है जमा

आंखों में संक्रमण
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पलकों के बन्द रहने के अलावा इस कीचड़ के रात में जमा रहने का एक कारण और भी होता है। दिनभर में बार-बार पलक झपकाने पर प्राकृतिक तरीके से आंखों से निकलने वाले आंसू, इस कीचड़ को धोते जाते हैं और आंखों में चिपके नहीं रहने देते। जबकि रात में पलकों के न झपकने के कारण और गुरुत्वाकर्षण के कारण ये कचरा आंखों के किनारों पर इक_ा हो जाता है। कुछ लोगों में इसकी मात्रा अधिक हो सकती है और कुछ में कम। हां एलर्जी के दौरान या रूखे मौसम में इसकी मात्रा बढ़ सकती है।

बदला रंग हो सकता है समस्या का संकेत

आंखों में संक्रमण
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सामान्यतौर पर आंखों से निकलने वाले इस कीचड़ का रंग सफेद या हल्का क्रीम होता है। लेकिन यदि यह रंग पीला या हरा है तो यह बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस (आंख आने की समस्या) का इशारा हो सकता है। इसके अलावा आंखों में सूजन, ड्राय आई, आंखों पर होने वाली फुंसी, आंसू निकलने वाली जगह का ब्लॉक हो जाना और एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस भी इसकी वजह बन सकता है। कुछ मामलों में यह पलकों को पूरी तरह चिपका भी सकता है और समस्या को और बढ़ा सकता है।

आंखों का ऐसे रखें ख्याल

आंखों में संक्रमण
आंखों में संक्रमण
  • सुबह उठने के साथ चेहरे और आंखों को अच्छे से धोएं। अगर आप किसी एलर्जी या अन्य समस्या से पीडि़त हैं या आपकी पलकें बुरी तरह चिपक गई हैं तो एक साफ कॉटन के कपड़े या रुई को गुनगुने या हल्के गर्म पानी में भिगोकर आंखों पर हल्के हाथों से थपथपाते हुए कीचड़ को हटाएं।
  • आंखों को कभी रगड़ें नहीं और न ही गंदे हाथ इनपर लगाएं।
  • यदि कीचड़ के साथ दर्द और असहजता भी है या रोज सुबह उठने पर आपकी पलकें चिपकी रहती हैं तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। वे आपको मेडिकेटेड साधन बताएंगे जिससे आप आंखों को बिना संक्रमण फैलाए साफ कर सकें।
  • डॉक्टर की सलाह से किसी अच्छे आई ड्रॉप का उपयोग करें। जिससे आंखों की नमी बनी रहे और वे साफ भी रहें।
  • आंखों या पलकों में खुजली, सूजन, लाली, जलन, धुंधला दिखने या रौशनी से दिक्कत होने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें।
  • संक्रमण की स्थिति में डॉक्टर एंटीबायोटिक लेने की सलाह दे सकते हैं।
    रात को सोने से पहले, साफ हाथों से आंखों को अच्छी तरह धोएं। सादा पानी का इस्तेमाल भी इसके लिए अच्छा विकल्प होगा।
  • कभी भी मेकअप लगाकर न सोएं। जब आई मेकअप उतारें तो हल्के हाथों से किसी लोशन, बेबी ऑइल या बादाम तेल से आंखों के आस पास मसाज भी करें।
  • हमेशा कॉन्टैक्ट लेंस उतार कर ही सोएं। इन्हें अच्छी तरह साफ करके भी रखें।
  • आंखों में संक्रमण
    आंखों में संक्रमण

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