स्मिथ ने भारतीय क्रिकेट में बदलाव के लिए गांगुली की तारीफ की

नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ ने भारतीय क्रिकेट में बदलाव लाने के लिए सौरव गांगुली की तारीफ की। स्मिथ ने कहा कि गांगुली हमेशा ऐसे खिलाड़ी रहे हैं कि अगर आप उन्हें छेड़ेंगे, तो फिर आपको जवाब के लिए तैयार रहना होगा। स्मिथ ने स्टार स्पोर्ट्स के शो क्रिकेट कनेक्टेड में यह बात कही।

उन्होंने कहा कि मैं दादा के साथ लंबा वक्त बिता चुका हूं। खासतौर पर बतौर क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेटर। हमारी अक्सर फोन पर बात होती है। उनसे बात करना बहुत आसान है, वह हमेशा शांत रहते हैं और खेल की बेहतरी को लेकर अक्सर बात करने को तैयार रहते हैं।

नैटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में गांगुली का जर्सी निकालना आज भी याद : स्मिथ

स्मिथ ने इस शो पर 2002 के नैटवेस्ट ट्रॉफी का फाइनल जीतने के बाद गांगुली के जश्न को याद करते हुए कहा कि मझे आज भी उनका लॉर्ड्स की बालकनी में जर्सी उतारकर लहराना याद है। यह वाकई खूबसूरत नजारा था। उन्होंने बिना डरे टीम की कप्तानी की। गांगुली की अगुआई में ही टीम इंडिया में लडऩे का जज्बा पैदा हुआ।

गांगुली ने टीम इंडिया में लडऩे का जज्बा पैदा किया

उन्होंने आगे कहा है कि मैदान पर उनके इस बर्ताव ने दिखाया कि वे(गांगुली) किसी दबाव में नहीं आते हैं। लॉर्ड्स में टी-शर्ट लहराने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनके लिए वो जीत कितनी अहम थी।

गांगुली ने मुझे कभी टॉस के लिए इंतजार नहीं कराया

स्मिथ 2003 में 22 साल की उम्र में दक्षिण अफ्रीका में सबसे कम उम्र के कप्तान बने थे। उस वक्त गांगुली भी भारतीय टीम के कप्तान थे। लेकिन दोनों का सामना बहुत कम ही हुआ। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान ने खुलासा किया कि कुछ मौकों को छोड़ दें, तो हमारे रिश्ते अच्छे ही रहे हैं और कभी बात हाथ से नहीं निकली और गांगुली ने उन्हें कभी टॉस के लिए भी इंतजार नहीं कराया। जैसा कि पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ के साथ हुआ था।