
राजस्थान में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्यपाल कलराज मिश्र आमने सामने हो गए हैं। लेकिन, इसी बीच सोशल मीडिया पर भी राज्यपाल कलराज मिश्र ट्रेंड होते दिखे। किसी यूजर्स द्वारा राज्यपाल महोदय का एक पुराना फोटो (उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दौर) जमकर शेयर कर हैं।
क्या है घटनाक्रम
दरअसल, राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने साथ विधायकों को लेकर गर्वनर हाउस पहुंचे। वहां उन्होंने 101 विधायकों के समर्थन की चि_ी सौंपकर विशेष सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट करवाने की मांग की। इस पर राज्यपाल राजी नहीं हुए। अशोक गहलोत ने इससे पहले अकेले जाकर राज्यपाल से मुलाकत की थीा और यह बयान दे दिया कि यह राजस्थान के आठ करोड़ लोगों के जनादेश का अपमान और राज्य की जनता राज्यपाल भवन का घेराव करेगी। इस बयान के बाद अशोक गहलोत घिर गए ओर राज्यपाल ने भी उनके इस बयान की निंदा की। विपक्ष ने इस बयान को मुद्दा बनाया और दिल्ली के हुक्मरानों तक इस बयान की गूंज सुनाई दी। विपक्ष ने सीआरपीएफ उतारने की मांग कर डाली तो वहंीं गर्वनर साहब ने राज्यपाल भवन में कांग्रेसी विधायकों के घेराव ओर धरने का अनुचित और संविधान के खिलाफ बताया।
राज्यपाल कलराज मिश्र ट्रेंड होते दिखे। किसी यूजर्स द्वारा राज्यपाल महोदय का एक पुराना फोटो (उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दौर) जमकर शेयर कर हैं
सोशल मीडिया पर क्यों ट्रेंड हुए कलराज
अब पूरे मामले का लब्बोलुआब यह है कि आखिर सोशल मीडिया राज्यपाल सोशल मीडिया पर क्यों छाए। दरअसल, कलराज मिश्र यूपी से लेकर केंद्र तक की राजनीति में लंबा समय बिता चुके हैं। ऐसे में यूजर्स उनकी एक पुरानी तस्वीर के साथ उन्हें अपने पुराने दौर की राजनीति याद दिलाने लगे। एक फोटो शेयर की गई जिसमें राज्यपाल को संविधान की याद दिलाते हुए बताया गया कि जब उन्होंने तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष रहते राज्यपाल भवन का घेराव किया था। एक यूजर ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, तस्वीर में मुस्कुराते हुए खड़े यह हमारे राज्यपाल कलराज मिश्र ..2 जून 1995 की यह फोटो है उत्तर प्रदेश राजभवन की। उस वक्त कलराज मिश्र यूपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे ओर राजभवन में धरना और प्रदर्शन देने में यह उनकी यादगार फोटो है।

अरे भाई इसमें कलराज मिश्र ने क्या गलत कर दिया उस वक्त यह भाजपा के नेता थे ओर एक लोकतांत्रिक देश में उन्हें राज भवन में धरना और प्रदर्शन देने का अधिकार है। अब जब वह राज्यपाल की संवैधानिक पोस्ट पर हैं तब इन्हें यह सब गलत लग रहा है, तो खुद उन्होंने क्यों किया। यहां कांग्रेस विधायकों ने धरना दिया तो कहां मैं दबाव की सियासत सहन नहीं करुंगा और धरना देना गलत है।
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मतलब आप करो तो डेमाक्रेसी और दूसरा करे तो लोकतांत्रिक! यह तस्वीर वायरल होने के बाद धड़ल्ले से शेयर होने लगी। सोशल मीडिया पर मौके कें इंंतेजार में बैठे ट्रोलर्स का का झुंड टूट पड़ा और इस तस्वीर के साथ यूजर तरह तरह के कमेंट करने लगे ओर जमकर मजे लेने लगे। देखते देखते ही यह तस्वीर, व्हाट्सअप ग्रूप्स, फैसबुक और ट्विटर और अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट पर शेयर होने लगी।