कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद छोडऩे की पेशकश की

नाराज राहुल बोले- कांग्रेस नेताओं ने भाजपा की मिलीभगत से सोनिया को चिट्ठी भेजी

नई दिल्ली। कांग्रेस में जमकर कलह हो रही है… और इस बार खबर सूत्रों के हवाले से नहीं आई है, बल्कि खुद उसके आला नेता अपने बयानों से ही यह बात साबित कर दे रहे हैं। पार्टी की सबसे बड़ी संस्था कांग्रेस वर्किंग कमेटी यानी सीडब्ल्यूसी की सोमवार को जब बैठक शुरू हुई, तो सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष का पद छोडऩे की पेशकश की।

वहीं, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोनिया को भेजी गई नेताओं की चिट्ठी की टाइमिंग पर सवाल उठाए। राहुल का आरोप था कि पार्टी नेताओं ने यह सब भाजपा की मिलीभगत से किया। राहुल के इस बयान को बमुश्किल 20-25 मिनट नहीं बीते होंगे कि उनका विरोध शुरू हो गया। विरोध करने वालों में सबसे आगे थे गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल।

दरअसल, करीब 15 दिन पहले पार्टी के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर कहा था कि भाजपा लगातार आगे बढ़ रही है। पिछले चुनावों में युवाओं ने डटकर नरेंद्र मोदी को वोट दिए। कांग्रेस में लीडरशिप फुल टाइम होनी चाहिए और उसका असर भी दिखना चाहिए।

सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में आज क्या हुआ?

सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष पद छोडऩे की पेशकश करते हुए कहा कि मुझे रिप्लेस करने की प्रक्रिया शुरू करें। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने उनसे पद पर बने रहने को कहा।

बीते दिनों पार्टी नेतृत्व में बदलाव को लेकर कांग्रेस नेताओं की चिट्ठी पर राहुल गांधी ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि जब सोनिया गांधी हॉस्पिटल में भर्ती थीं, उस वक्त पार्टी लीडरशिप को लेकर लेटर क्यों भेजा गया। पार्टी लीडरशिप में बदलाव की मांग का लेटर भाजपा की मिलीभगत से लिखा गया।

‘भाजपा से मिलीभगत के राहुल के आरोपों पर विवाद हो गया। बमुश्किल 20-25 मिनट के अंदर पूर्व मंत्री कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया, हमने राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस पार्टी का केस कामयाबी के साथ लड़ा। बीते 30 साल में कभी भी, किसी भी मुद्दे पर भाजपा के पक्ष में बयान नहीं दिया। फिर भी हम भाजपा के साथ मिलीभगत में हैं? कुछ देर बात सिब्बल ने ट्विटर से अपना परिचय बदल दिया और कांग्रेस शब्द को हटा दिया।

थोड़ी ही देर में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगर भाजपा से मिलीभगत होने के राहुल गांधी के आरोप साबित हुए तो मैं इस्तीफा दे दूंगा।

कांग्रेस की पूर्व नेता दिव्या स्पंदना ने कहा कि मुझे लगता कि राहुलजी ने गलती की। उन्हें कहना चाहिए था कि कांग्रेस के नेताओं ने यह चिी भाजपा और मीडिया के मिलीभगत से भेजी। उन्होंने कहा कि ना केवल मीडिया में चिी को लीक किया, बल्कि अभी चल रही सीडब्ल्यूसी की बैठक की बातचीत को मीडिया में मिनट टू मिनट लीक भी किया जा रहा है। गजब है।

सिब्बल ने आधे घंटे बाद ट्वीट हटा लिया

कपिल सिब्बल ने कहा, राहुल गांधी ने मुझे निजी तौर पर बताया कि उन्होंने कभी ऐसा नहीं कहा है इसलिए मैं अपना ट्वीट हटा रहा हूं।

पिछले साल अगस्त में अंतरिम अध्यक्ष बनी थीं सोनिया

राहुल गांधी पहले ही पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर चुके हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। तब सोनिया ने अगस्त में एक साल के लिए अंतरिम अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली।

कांग्रेस की कलह पर भाजपा का तंज

मध्यप्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए कई योग्य उम्मीदवार हैं। इनमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, रेहान वाड्रा और मिराया वाड्रा शामिल हैं। कार्यकर्ताओं को समझना चाहिए कि कांग्रेस उस स्कूल की तरह है, जहां सिर्फ हेडमास्टर के बच्चे ही क्लास में टॉप आते हैं।