वक्ताओं ने कहा-किसान मिट्टी की जांच के बाद ही फसलों की बुवाई करें

सरदारशहर में विश्व मृदा दिवस पर किसान सम्मेलन का आयोजन

चूरू। अंतरराष्ट्रीय मृदा दिवस के उपलक्ष्य में रविवार को कृषि विज्ञान केंद्र में जिलास्तरीय प्रगतिशील किसान सम्मेलन हुआ। सम्मेलन में 80 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया। इस अवसर किसानों ने कृषि अधिकारियों के साथ वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट, नर्सरी, बीज ग्रेडिंग के साथ विभिन्न प्रयोगशालाओं का अवलोकन किया।

सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. वीके सैनी ने कहा किसान फसलों की बुवाई से पू्र्व आवश्यक रूप से मिट्टी की जांच कराएं, जिससे पता चल सके की मिट्टी कितनी उर्वरक है। साथ ही फसलों में रासायनिक खाद देने के बजाय जैविक खाद का उपयोग करें। गोबर की खाद, कम्पोस्ट, वर्मी, सुपर कम्पोस्ट, नेडेप कम्पोस्ट, हरि खाद, खली की खाद फसलों के लिए लाभदायक होती हैं।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व पालिका उपाध्यक्ष मुरलीधर सैनी ने कहा कि किसानों को नियमित रूप से ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेना चाहिए। क्योंकि शिक्षित किसान ही विकसित होगा और किसान विकसित होगा तभी देश खुशहाल होगा। अध्यक्षता कर रहे आईएएई के कुलपति प्रोफेसर देवेंद्र मोहन ने कहा कि किसान मृदा स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देवें। ताकि, अगली पीढियों को खेती करने लायक भूमि दें सके। स्वस्थ मृदा से ही मानव को स्वस्थ रखा जा सकता है। कार्यक्रम को डॉ. मुकेश शर्मा, डॉ. हरीश, ब्रजेश कुमार, श्यामबिहारी, सुरेश भाटी आदि ने भी संबोधित किया।

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