
डॉ. भीमराव अम्बेडकर दार्शनिक, विद्वान, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ एवं महान समाज सुधारक थे। उन्होनें जीवन पर्यन्त दलितों के उत्थान के लिए कार्य किया। यह उद्गार नगरीय विकास आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने बुधवार को नगर पालिका शिवगंज द्वारा शिवगंज में मुख्य बस स्टेण्ड के पास संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा अनावरण के समारोह (वर्चुअल) में व्यक्त किये।
इस अवसर पर राज्य सभा सांसद नीरज डांगी, विधायक संयम लोढ़ा, अध्यक्ष नगर पालिका शिवगंज वंजीराम घांची, अध्यक्ष आरसीए वैभव गहलोत, सचिव स्वायत्त शासन विभाग भवानी सिंह देथा, निदेशक एवं विशिष्ठ सचिव स्वायत्त शासन विभाग दीपक नन्दी, डॉ. भीमराव अम्बेडकर सेवा समिति के पदाधिकारी, पार्षद एवं अधिकारीगण (वर्चुअल) उपस्थित थे।
डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा के अनावरण समारोह में नगरीय विकास आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि डॉ भीमराव अम्बेडकर दार्शनिक, विद्वान, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ एवं महान समाज सुधारक थे।

उनके व्यक्तित्व में स्मरण शक्ति की प्रखरता, बुद्धिमता, ईमानदारी, सच्चाई एवं नियमितता व दृढ़ता थी। उन्होंने अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की तथा विधि, अर्थशास्त्र और राजनितिक विज्ञान में शोध कार्य किया। उनके जीवन का मुख्य ध्येय देश के दलित, सामाजिक व आर्थिक तौर से अभिशप्त व्यक्तियों को अभिशाप से मुक्ति दिलाना था।
डॉ. अम्बेडकर को भारतीय संविधान के शिल्पकार के तौर पर भी पहचाना जाता है। उन्होनें 2 साल 11 महीनें के लम्बे विचार-विमर्श के बाद के.एल. मुन्शी, सरदार वल्लभ भाई पटेल के सहयोग से संविधान निर्माण किया। हमारा संविधान विश्व का सबसे लम्बा लिखित संविधान है।

यह एक 234 पृष्ठीय पाण्डुलिपी है, जिसे सम्पूर्ण विश्व ने अपनाया है। डॉ. भीमराव अम्बेडकर को 31 मार्च, 1990 में मरणोपरान्त उन्हें भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया। अपने जीवन के अन्तिम समय तक वे दलितों के उत्थान् के लिए कार्य करते रहे।
उन्होनें कहा कि हम खुशनसीब हैं कि राजस्थान को ऐसा मुख्यमंत्री मिला है जिनकी सोच दलित, गरीब के जीवन स्तर को ऊॅचा उठाने में अग्रसर रहती है। समानता की दृष्टि से जो कार्य राजस्थान में हुआ है। उसे देश में उदाहरण के तौर पर लिया जाता है।