बिनोद चौधरी नेपाल में सांसद भी हैं और उन्हें वहां के सबसे पहले अरबपति होने का गौरव हासिल है
दादा की कपड़े की दुकान को चौधरी ग्रुप में बदला
कई सेगमेंट में बिजनेस करता है बिनोद चौधरी का ग्रुप
जयपुर/झुंझुनू। राजस्थान के शेखावटी क्षेत्र के झुंझुनू जिले से निकले कई लोगों ने देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपने बिजनेसमैन के रूप में अपनी धाक जमाई है। इन नामों में बिड़ला, मोरारका, मित्तल, बजाज, सिंघानिया, खेतान, पोद्दार जैसे ग्रुप आज शेखावटी क्षेत्र से निकले हैं। इन सभी देश से निकलकर पूरी दुनिया में बिजनेस टायकून के रूप में अपनी पहचान बनाई है। लेकिन, एक नाम ऐसा भी है जो भारत के साथ नेपाल में भी अपनी बिजनेस टायकून के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। हम बात कर रहे हैं झुंंझुनू की माटी में जन्में बिनोद चौधरी की। झुंझुनू के समीप मंडावा के चूड़ी अजीतगढ़ निवासी बिनोद चौधरी ने नेपाल में अपनी पहचान नेपाल के पहले अरबपति के तौर पर बनाई है। इसके साथ साथ उनका नेपाल की राजनीति में भी काफी दखल है। वह अभी वर्तमान में नेपाल में सांसद हैं।
नेपाल में हैं चौथी पीढ़ी
झुंझुनू यात्रा पर आए बिनोद चौधरी ने एक बातचीत में बताया कि मेरे दादाजी सबसे पहले कम उम्र मेें नेपाल गए थे। मेरे पिता का जन्म, मेरे बेटे व मेरे पौतों का जन्म भी वहीं हुआ। मैं नेपालवासी कहलाना ज्यादा पसंद करता हूं। लेकिन मेरा मन मेरी माटी से जुड़ा हुआ है। जब हम छोटे थे तो मेरे दादाजी हमें हमारे गांव व यहां के मंदिरों में लाते थे। वे कहते थे बेटा अपनी माटी को मत भूलना।
कपड़े की दुकान से हुई शुरुआत, आज हैं बिजनेस टायकून
बिनादे चौधरी बताते हैं मेरे दादा ने नेपाल पहुंचकर सबसे पहले छोटी सी कपड़ों की दुकान खोली थी। आज हमारा कारोबार देश-विदेश में फैला हुआ है। फोर्ब्स के मुताबिक उनकी संपत्ति 840 करोड़ रुपए से ज्यादा है। पिछले साल जारी फोर्ब्स के वर्ल्ड बिलिनियर्स की लिस्ट में उन्हें शामिल किया गया था।
कम उम्र में छोड़ी पढ़ाई, कपड़े की दुकान को चौधरी ग्रुप में बदला
पिता के बीमार होने के बाद बिनोद सिर्फ 18 साल की उम्र में बिजनेस से जुड़ गए। जिसके लिए उन्होंने अपनी पढ़ाई भी बीच में ही छोड़ दी। बिनोद चौधरी के पिता लुनकरण दास ने कपड़े की दुकान को अरुण एम्पोरियम नाम से डिपार्टमेंटल स्टोर में बदल दिया। इसे नेपाल का पहला डिपार्टमेंटल स्टोर भी कहा गया। तीन भाइयों में सबसे बड़े बिनोद ने बिजनेस की कमान संभालते ही चौधरी ग्रुप की स्थापना की।
चौधरी ग्रुप के 100 से ज़्यादा होटल, 16 हजार कर्मचारी
- इसके अलावा इनका ग्रुप नाइट क्लब, शराब इम्पोर्ट, पेपर सेल, इंश्योरेंस, फूड, रियल एस्टेट, रिटेल और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में काम करती है।
- इनके ग्रुप की सबसे बड़ी सफलता रही वाई-वाई नाम के इंस्टेंट नूडल्स
- आज चौधरी ग्रुप में करीब 16 हजार लोग काम कर रहे हैं। फोर्ब्स के मुताबिक आज ये कंपनी करीब 774 करोड़ रुपए की हो चुकी है।
- उनका ग्रुप की दुनियाभर में 100 से ज्यादा होटल भी चलाती है। जिनमे से कुछ ताज के साथ भी जुड़े हुए हैं।
अपनी जमीन पर करोड़ों का निवेश करूंगा
मैं जल्द ही मेरे पैतृक गांव चूड़ी अजीतगढ़ में कई करोडों का निवेश करूंगा। ताकि यहां के सैकड़ों लोगों को रोजगार मिले। साथ ही मेरी माटी से भी लगाव बना रहे। गांव में बडा प्रोजेक्ट लगाया जाएगा। यह प्रोजेक्ट अपने आप में सबसे अलग होगा। इसके लिए सरकार से बातचीत चल रही है। उन्होंने बताया कि अभी अजमेर जिले में रूपनगढ़ के पास करोडों रुपए का निवेश कर फूड पार्क बनाया है। जैसे हमारा चौधरी ग्रुप वापस अपनी माटी की ओर लौटा है वैसे अन्य बड़े घरानों को भी अपनी माटी को वापस कुछ देना चाहिए। चौधरी के साथ उनकी पत्नी सारिका, तीनों बेटे निर्वाण चौधरी, वरूण चौधरी और राहुल चौधरी तथा परिवार के अन्य सदस्य भी आए हैं।
जयपुर से भी है खास रिश्ता
नेपाल के सबसे अमीर बिजनेसमैन बिनोद चौधरी की पत्नी का नाम सारिका है। दोनों के कुल तीन बेटे हैं। उनके एक बेटे वरुण चौधरी की शाही शादी जयपुर के ज्वैलरी व्यापारी राजकुमार टोंग्या की बेटी अनुश्री टोंग्या से हुई है। जबकि 2015 में इनके दूसरे बेटे राहुल चौधरी की शादी मुंबई के बिजनेसमैन की बेटी सुरभि खेतान के साथ हुई थी।