
- चार सुत्री प्रस्ताव सर्व सम्मती से पारित
- भाजपा प्रदेशाघ्यक्ष सतीश पूनियां ने दिया संदेश
जयपुर । अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर के देराश्री भवन मे आयोजित दो दिवसीय राजस्थानी संसद का आयोजन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ सम्पन्न हुआ । राजस्थानी संसद के दूसरे दिन राजस्थान में राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं होना करोड़ों राजस्थानियों के मानवाधिकारों का हनन-सतीश पूनिया राजस्थानी संसद में द्वितीय दिवस की कार्यवाही भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया की वर्चुअल उपस्थिति और करणी सेना के अध्यक्ष महीपालसिंह मकराना तथा राजस्थानी भाषा और संस्कृति अकादमी के पुर्व उपाध्यक्ष नारायणसिंह राठौड़ पीथल के विशेष आतिथ्य में प्रारम्भ हुई।दिनभर चले तीन सत्रों में विभिन्न वक्ताओं ने राजस्थानी की मान्यता से संबद्ध अपने विचार व्यक्त किए। डां सुरेंद्र सोनी ने कहा कि,राजस्थानी भाषा यहां के लोगों का प्राण है और जब प्राण संकट में हो तो चिन्ता करना लाजिमी है। आज राजस्थानी की जनता भाषा की मान्यता की मांग करके अपने प्राणों की सुरक्षा चाहती है। करणी सेनाध्यक्ष महीपाल मकराना ने कहा कि सरकारे राजस्थान के लोगों के मानवाधिकार भाषा के अधिकार से वंचित रखकर उनपर जुल्म कर रही है मगर अब आम राजस्थानी इस जुल्म के खिलाफ खड़ा हो गया है। नारायणसिंह पीथल ने इस राजस्थानी संसद में आये हुए सभी सहभागियों से निवेदन किया कि वो अपने दैनिक जीवन में राजस्थानी भाषा अपनाएं।

सदन की कार्यवाही के बाद राजस्थानी मोट्यार परिषद ने एक संकल्प पत्र पारित किया। साथ ही राजस्थानी भाषा केगणगौर टी वी चैनल का शुभारंभ, माय राजस्थान क्लब एप का विमोचन,आडावल वेबसाइट का विमोचन किया गया। अंत में आयोजन समिति ने सभी सहभागियों का आभार व्यक्त किया। समापन समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार नारायण सिंह पिथल ने की । मुख्य अतिथि करणी सेना के राष्ट्रीयअध्यक्ष महीपाल सिंह मकराना थे तथा विशेष मेहमान के रूप भाजपा प्रदेशाघ्यक्ष सतीश पूनियां नें ऑनलाईन अपना उदबोधन दिया ।

जिसमे पूनियां नें राजस्थानी संसद के सफल आयोजन , मायड़ भाषा दिवस की बधाई देते हुए राजस्थानी भाषा को आठवी अनुसूची में शामिल करने तथा राजस्थान सरकार से राजस्थानी को राजभाषा बनाने की पुरजोर शब्दो में मांग की । साथ ही पूनियां नें राजस्थानी भाषा को राजभाषा बनाने की मांग का प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम लिखा पत्र भी भेज दिया। राजस्थानी संसद के समापन पर सतीश पूनियां नें एक प्रतिनिधी मंडल को अपने आवास पर इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा के लिए आमंत्रित किया । जिसमे राजस्थानी मोटयार परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवदान सिंह जोलावास के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल उनसे मिलने पहुंचा ।
