सुरेश रैना ने राष्ट्रीय टीम में वापसी लायक फार्म नहीं दिखाया: प्रसाद

सुरेश रैना-एमएसके प्रसाद, Suresh Raina-msk Prasad
सुरेश रैना-एमएसके प्रसाद, Suresh Raina-msk Prasad

भारतीय टीम से बाहर सुरेश रैना को भले ही लगता हो कि राष्ट्रीय चयन समिति ने उनके साथ नाइंसाफी की है लेकिन समिति के पूर्व प्रमुख एमएसके प्रसाद ने साफ तौर पर कहा कि 2018-19 के घरेलू सत्र में उनका फार्म वापसी लायक नहीं था। भारत के लिए 226 वनडे और 78 टी20 के अलावा 18 टेस्ट खेल चुके 33 वर्ष के रैना ने आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच जुलाई 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था।

सुरेश रैना को लगता है राष्ट्रीय चयन समिति ने उनके साथ नाइंसाफी की है

पिछले साल नीदरलैंड में घुटने का ऑपरेशन कराने वाले रैना इंडियन प्रीमियर लीग में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलकर वापसी करना चाहते थे लेकिन अब लीग स्थगित हो गई है । प्रसाद ने कहा, वीवीएस लक्ष्मण को 1999 में भारतीय टेस्ट टीम से बाहर किया गया था जिसके बाद उन्होंने घरेलू क्रिकेट में 1400 रन बनाये।

सीनियर खिलाडिय़ों से यही उम्मीद की जाती है । रैना ने 2018-19 के घरेलू सत्र में पांच रणजी मैचों में 243 रन बनाये। वहीं आईपीएल 2019 में 17 मैचों में 383 रन ही बना सके । प्रसाद ने कहा, घरेलू क्रिकेट में रैना का फार्म नहीं दिखा जबकि दूसरे युवाओं ने शानदार प्रदर्शन करके अपना दावा पुख्ता किया।

सुरेश रैना को लेकर राष्ट्रीय चयन समिति के पूर्व प्रमुख एमएसके प्रसाद ने बड़ा बयान दिया है

रैना ने यूट्यूब शो ‘स्पोटर्स टॉक में चयनकर्ताओं पर उन्हें बाहर करने के कारण नहीं बताने का आरोप लगाया जबकि प्रसाद ने कहा कि यह सही नहीं है। उन्होंने कहा, यह दुखद है कि उन्होंने ऐसा कहा कि चयनकर्ता रणजी मैच नहीं देखते हैं। बीसीसीआई से रिकार्ड चेक कर लीजिए कि राष्ट्रीय चयन समिति ने पिछले चार साल में कितने मैच देखे। प्रसाद ने कहा कि उन्होंने खुद रैना को बाहर करने के बारे में बताया था।

उन्होंने कहा, मैने निजी तौर पर उससे बात की थी । उसे अपने कमरे में बुलाकर भविष्य में वापसी के लिए उनसे अपेक्षाओं के बारे में बताया था। उस समय उन्होंने मेरे प्रयासों की सराहना की थी । अब उनकी बातें सुनकर मैं हैरान हूं।

उन्होंने कहा, मैने खुद लखनऊ और कानपुर में पिछले चार साल में उत्तर प्रदेश के चार रणजी मैच देखे । हमारी चयन समिति ने चार साल में 200 से ज्यादा रणजी मैच देखे।

उन्होंने कहा कि टीम से बाहर होने वाले सीनियर खिलाड़ी को मोहिंदर अमरनाथ का उदाहरण देखना चाहिये जो 20 साल के कैरियर में कई बाहर टीम से बाहर हुए और वापसी की। उन्होंने कहा, ‘‘आप मोहिंदर अमरनाथ को देखिये। कितनी बार वह बाहर हुए और घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करके वापसी की।

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