नेपाल के प्रधानमंत्री ओली की कुर्सी पर सस्पेंस जारी

काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के राजनीतिक भविष्य का फैसला करने वाली नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की एक अहम बैठक शुक्रवार को एक बार फिर स्थगित हो गई। इस बार देश में बाढ़ आने की वजहों का हवाला देते हुए एक हफ्ते के लिए बैठक टाल दी गई है।

भारत विरोधी टिप्पणियों और कामकाज की शैली को लेकर ओली के इस्तीफे की मांग की जा रही है। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की 45 सदस्यीय शक्तिशाली स्थायी समिति की बैठक शुक्रवार को होनी थी। एनसीपी प्रवक्ता नारायण काजी श्रेष्ठ के हवाले से जानकारी दी गई है कि अभी पार्टी बचाव और राहत कार्यों, बाढ़ और भूस्खलन से होने वाले नुकसान को रोकने के प्रयासों में लगी है, जिसको देखते हुए बैठक टाल दी गई है।
नेपाल के सिंधुपालचोक जिले में गुरुवार को मूसलाधार बारिश हुई, जिससे इलाके में बाढ़ आ गई और कई मकान बह गए। इस बाढ़ में एक बच्चे समेत कम से कम दो लोगों की मौत हो गई जबकि 18 अन्य लापता हो गए। यह पांचवीं बार है जब एनसीपी की बैठक स्थगित हुई है। इससे पहले बुधवार को होने वाली बैठक को शुक्रवार तक के लिए स्थगित किया गया था।

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पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड समेत एनसीपी के शीर्ष नेताओं ने प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग की है। उनका कहना है कि ओली की हालिया भारत विरोधी टिप्पणी न तो राजनीतिक रूप से सही थी और न ही राजनयिक रूप से उचित थी।

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दो धड़ों के बीच मतभेद उस समय बढ़ गया जब प्रधानमंत्री ने एकतरफा फैसला करते हुए संसद के बजट सत्र का समय से पहले ही सत्रावसान करने का फैसला किया। सत्ता में हिस्सेदारी के मुद्दे पर एनसीपी के एक धड़े का नेतृत्व ओली और दूसरे धड़े का नेतृत्व पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रचंड करते हैं।