जयललिता की नेचुरल डेथ पर शक, करीबी दोस्त शशिकला पर घूमी संदेह की सुई

जयललिता
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जांच रिपोर्ट में दावा- दोनों के रिश्ते अच्छे नहीं थे, निजी डॉक्टर पर भी शक

चेन्नई। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत की जांच रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट में जयललिता की करीबी सहेली शशिकला की भूमिका पर शक की सुई घूम रही है। तमिलनाडु सरकार ने जो रिपोर्ट आज सार्वजनिक की है उसमें जयललिता के निजी चिकित्सक समेत एक वरिष्ठ अधिकारी भी शक के दायरे में है। रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया है कि जयललिता और शशिकला के बीच अच्छे रिश्ते नहीं थे। जयललिता की मौत की जांच के लिए रिटायर्ड जज ए. अरुमुघसामी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति बनाई गई थी। इस कमेटी ने राज्य सरकार को 500 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अम्मा की मौत को नेचुरल डेथ की बजाय इसे क्राइम मानकर जांच कराई जाए। कमेटी ने उनकी मौत की डिटेल इन्वेस्टिगेशन की सिफारिश भी की है।

2016 में हुई थी मौत, हार्ट अटैक को बताया था वजह

जयललिताजयललिता
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5 दिसंबर 2016 को चेन्नई के अपोलो अस्पताल में जयललिता का निधन हो गया था। वे करीब 2 महीने तक अस्पताल में भर्ती रही थीं। उस समय वे मुख्यमंत्री पद पर थीं। मेडिकल बुलेटिन में दिल के दौरे को मौत की वजह बताया गया था। खास बात यह है कि जयललिता के बीमार पडऩे से उनका निधन होने तक शशिकला उनके साथ मौजूद थीं।

जांच रिपोर्ट में 4 मुख्य किरदार

1. वीके शशिकला-जयललिता की करीबी सहयोगी थीं। उनके आवास पर रहती थीं। बीमार पडऩे से लेकर मौत तक हमेशा साथ रहीं।

2. डॉ केएस शिवकुमार- मुख्यमंत्री जयललिता के निजी डॉक्टर, जयललिता के बीमार पडऩे पर शुरुआती ट्रीटमेंट दिया।

3. राधाकृष्णन- तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव थे, यही जयललिता की सेहत की निगरानी रखते थे।

4. सी विजयभास्कर- तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री और जयललिता के करीबी थे। बुलेटिन जारी करने से लेकर हेल्थ अपडेट देते थे।

पन्नीरसेल्वम ने सवाल उठाया तो पल्लानीस्वामी ने जांच बैठाई

पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व में जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके के कई नेताओं ने उनके निधन को लेकर सवाल उठाया था। नेताओं का कहना था कि उनकी सहयोगी शशिकला और उनके परिवार के सदस्यों ने इस मामले में काफी-कुछ छिपाया है। इसके बाद पल्लानी स्वामी की सरकार ने जांच बैठाई थी।

1991 में जयललिता के करीब आईं थीं, चिनम्मा नाम से फेमस

जयललिता
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1991 में जब जयललिता पहली बार मुख्यमंत्री बनीं तब शशिकला उनके करीब आईं। शशिकला इससे पहले वीडियोग्राफी का काम करती थीं। दोनों की जोड़ी तमिल पॉलिटिक्स में इतनी फेमस हुई कि लोग जयललिता को अम्मा और शशिकला को चिन्नमा कहने लगे थे।

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