अब बिसलेरी खरेदेगी टाटा

बिसलेरी
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7000 करोड़ में सौदे की तैयारी, बिसलेरी के मालिक रमेश बोले-पैसा चैरिटी में देंगे

नई दिल्ली। सॉफ्ट ड्रिंक ब्रांड थम्स अप, गोल्ड स्पॉट और लिम्का को कोका-कोला को बेचने के लगभग तीन दशक बाद, रमेश चौहान बिसलेरी इंटरनेशनल को टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (टीसीपीएल) को बेचने जा रहे हैं। ये डील 6,000-7,000 करोड़ रुपए में हो रही है। इकोनॉमिक टाइम्स ने इसे लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की है।

बिजनेस बढ़ाने के लिए उत्तराधिकारी नहीं

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82 साल के चौहान का कहना है कि बिसलेरी को विस्तार के अगले लेवल पर ले जाने के लिए उनके पास उत्तराधिकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि बेटी जयंती कारोबार में ज्यादा दिलचस्पी नहीं रखती। बिसलेरी भारत की सबसे बड़ी पैकेज्ड वाटर कंपनी है। डील के तहत वर्तमान मैनेजमेंट दो साल तक जारी रहेगा।

टाटा ग्रुप बेहतर तरीके से बिजनेस बढ़ाएगा

चौहान ने कहा कि टाटा ग्रुप इसका और भी बेहतर तरीके से देखभाल करेगा और आगे बढ़ाएगा। हालांकि, बिसलेरी को बेचना अभी भी एक पेनफुल फैसला था। मुझे टाटा का कल्चर पसंद है और इसलिए अन्य खरीदारों के बावजूद मैंने टाटा को चुना। कहा जाता है कि बिसलेरी को खरीदने के लिए रिलायंस रिटेल, नेस्ले और डेनोन सहित कई दावेदार थे।

चौहान चैरिटी में लगाएंगे पैसा

चौहान ने कहा कि वह बिसलेरी में माइनोरिटी स्टेक भी नहीं रखेंगे। उन्होंने कहा कि बिजनेस को बेचने के बाद उन्हें कंपनी में माइनोरिटी स्टेक होल्ड करने का कोई कारण नजर नहीं आता है। वहीं उन्होंने बताया कि बोतलबंद पानी के कारोबार से बाहर निकलने के बाद, वह वाटर हार्वेस्टिंग, प्लास्टिक रीसाइक्लिंग जैसे पर्यावरण और चैरिटी से जुड़े कामों में फोकस करना चाहते हैं।

एफवाई 23 में 220 करोड़ के प्रॉफिट का अनुमान

चौहान ने कहा कि एफवाई 23 के लिए बिसलेरी ब्रांड का कारोबार 220 करोड़ रुपए के प्रॉफिट के साथ 2,500 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। मार्च 2021 को खत्म साल में कंपनी ने 1,181.7 करोड़ रुपए की बिक्री और 95 करोड़ रुपए का प्रॉफिट दर्ज किया। वहीं मार्च 2020 को खत्म वित्त वर्ष में कंपनी का रेवेन्यू 1,472 करोड़ रुपए था और 100 करोड़ रुपए का प्रॉफिट दर्ज किया था।

27 साल की उम्र में मिनरल वाटर बेचना शुरू किया

मिनरल वाटर ब्रांड बिसलेरी को भारत में पॉपुलर बनाने वाले रमेश चौहान का जन्म 17 जून, 1940 को जयंतीलाल और जया चौहान के यहां मुंबई में हुआ था। उनके दोस्त उन्हें आरजेसी के नाम से बुलाते हैं। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग और बिजनेस मैनेजमेंट किया है। हमेशा अपने समय से आगे रहने के लिए जाने जाने वाले, चौहान 27 साल की उम्र में भारतीय बाजार में बोतलबंद मिनरल वाटर पेश किया था।

टाटा ग्रुप बेहतर तरीके से बिजनेस बढ़ाएगा

चौहान ने कहा कि टाटा ग्रुप इसका और भी बेहतर तरीके से देखभाल करेगा और आगे बढ़ाएगा। हालांकि, बिसलेरी को बेचना अभी भी एक पेनफुल फैसला था। मुझे टाटा का कल्चर पसंद है और इसलिए अन्य खरीदारों के बावजूद मैंने टाटा को चुना। कहा जाता है कि बिसलेरी को खरीदने के लिए रिलायंस रिटेल, नेस्ले और डेनोन सहित कई दावेदार थे।

चौहान चैरिटी में लगाएंगे पैसा

चौहान ने कहा कि वह बिसलेरी में माइनोरिटी स्टेक भी नहीं रखेंगे। उन्होंने कहा कि बिजनेस को बेचने के बाद उन्हें कंपनी में माइनोरिटी स्टेक होल्ड करने का कोई कारण नजर नहीं आता है। वहीं उन्होंने बताया कि बोतलबंद पानी के कारोबार से बाहर निकलने के बाद, वह वाटर हार्वेस्टिंग, प्लास्टिक रीसाइक्लिंग जैसे पर्यावरण और चैरिटी से जुड़े कामों में फोकस करना चाहते हैं।

स्नङ्घ23 में 220 करोड़ के प्रॉफिट का अनुमान

चौहान ने कहा कि स्नङ्घ23 के लिए बिसलेरी ब्रांड का कारोबार 220 करोड़ रुपए के प्रॉफिट के साथ 2,500 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। मार्च 2021 को खत्म साल में कंपनी ने 1,181.7 करोड़ रुपए की बिक्री और 95 करोड़ रुपए का प्रॉफिट दर्ज किया। वहीं मार्च 2020 को खत्म वित्त वर्ष में कंपनी का रेवेन्यू 1,472 करोड़ रुपए था और 100 करोड़ रुपए का प्रॉफिट दर्ज किया था।

27 साल की उम्र में मिनरल वाटर बेचना शुरू किया

मिनरल वाटर ब्रांड बिसलेरी को भारत में पॉपुलर बनाने वाले रमेश चौहान का जन्म 17 जून, 1940 को जयंतीलाल और जया चौहान के यहां मुंबई में हुआ था। उनके दोस्त उन्हें आरजेसी के नाम से बुलाते हैं। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग और बिजनेस मैनेजमेंट किया है। हमेशा अपने समय से आगे रहने के लिए जाने जाने वाले, चौहान 27 साल की उम्र में भारतीय बाजार में बोतलबंद मिनरल वाटर पेश किया था।

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