
डूंगरपुर। जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक संघ के आठ दिवसीय पर्युषण महापर्व शुक्रवार को क्षमा याचना पर्व के साथ ही संपन्न हो गए। वहीं दिगम्बर जैन समाज के दस लक्षणिय महापर्व शुक्रवार से प्रारंभ हुए। पर्युषण महापर्व के अन्तिम दिन शुक्रवार संवत्सरी के रूप में मनाया गया जिसके तहत वर्ष पर्यन्त जाने अनजाने में हुई भूलों के लिए एक दूसरे से क्षमा मांगी गई। सुबह शहर के घाटी स्थित गंभीरा पाश्र्वनाथ मंदिर, महावीर स्वामी मंदिर, फौज का बड़ला स्थित शांतिनाथ मंदिर, माणक चौक स्थित आदिनाथ मंदिर, पुराना बस स्टैण्ड स्थित नेमिनाथ मंदिर, न्यू कॉलोनी स्थित संभवनाथ मंदिर में भगवान का जल व दूध से पक्षाल किया गया।
इसके पश्चात केसर पूजा की गई तथा सामूहिक रूप से चैत्यवंदन व स्नात्र पूजा का आयोजन भी किया गया। इसके पश्चात शाम को उपाश्रय में प्रतिक्रमण का आयोजन किया गया। जिसमें अतिचार के माध्यम से जीव मात्र के प्रति हुई भूल के लिए क्षमा मांगी गई। इधर रात्रि को भक्ति का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इससे पूर्व सेवा पूजा के बाद श्री जैन श्वेतांबर वीशा पोरवाड़ संघ द्वारा चैत्य परिपाटी घाटी स्थित गंभीरा पाश्र्वनाथ मंदिर से निकाली जो कि मामा भानजा मंदिर, फौज का बड़ा स्थित शांतिनाथ मंदिर, ऊंडा मंदिर तथा माणक चौक स्थित आदिनाथ मंदिर में दर्शनार्थ गए। दिगंबर जैन समाज के पर्वाधिराज राज पर्यूषण महापर्व के पहले दिन शुक्रवार को उत्तम क्षमा के रूप में मनाया गया। कतिसौर के आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में पर्यूषण के पहले दिन श्रद्धालुओं ने भगवान आदिनाथ का जलाभिषेक, केशर पूजा, पंचामृत अभिषेक, शांतिधारा के साथ नित्य दिन की तरह मूल नायक आदिनाथ पूजा , दस लक्षणी पूजा, सोलह कारण पूजा, पंच मेरु पूजा, नंदीश्वर दीप पूजा, नमिनाथ पूजा, सम्मेद शिखर पूजा सहित नौ पूजाएं की गई।
जैन समाज ने पर्युषण पर्व के पहले दिन उत्तम क्षमा पर्व मनाया, भगवान की आराधना की
सागवाड़ा। जैन समाज के दस लक्षण पर्व शुक्रवार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी से शुरू हुए। पहले दिन को समाजजनों ने ऋषि पंचमी के रूप में मनाया। जिसमे जैन धर्मावलंबियों ने जाने अनजाने किसी के साथ बुरा व्यवहार हुआ हो या किसी ने बुरा किया हो उसके लिए क्षमा मांगी। पुनर्वास कॉलोनी स्थित आदिनाथ दिगंबर जैन चैत्यालय में 10 लक्षण पर्व का प्रथम दिन उत्तम क्षमा हर्षोल्लास से मनाया। मूलनायक आदिनाथ भगवान की महाशांति धारा की। इसके बाद सामूहिक 10 लक्षण महापर्व व भगवान का पूजन विधि विधान के साथ किया। नितेश शाह ने बताया कि मितेश जैन, बाबू भाई, प्रीति जैन, जयश्री ने संगीत मय भक्ति से समस्त पूजन कराया। भगवान की महाशांति धारा व पूजन का धर्मलाभ तेजपाल शाह परिवार ने लिया।
ओबरी। दीगंबर जैन समाज के पर्युषण पर्व के पहले दिन मंदिरों में दर्शन कर श्रद्धालुओं ने उपवास भी रखे। आंतरी के जैन सभा भवन में मुनि अनुसरण सागर महाराज ने कहा की दीपक में शरीर और आत्मा का भेद छिपा है। दीपक सिखाता है कि यह शरीर नश्वर है। आत्मा अमर है। उन्होंने कहा कि तेल सांसों की तरह क्षण भंगुर है। इसे इस तरह समझे की दीप मानव शरीर है। मानव शरीर मिट्टी का ही है जो एक दिन इसी में मिल जाता है। इससे पूर्व आंतरी के दिगंबर जैन मंदिर में सुबह भगवान श्रेयांस नाथ का महाअभिषेक हुआ। कस्बे में पर्यूषण पर्व के तहत सुबह पंचामृत अभिषेक व महा शान्ति धारा हुई। मुनि वैराग्य सागर और मुनि स्वयंभू सागर ने अपने प्रवचन में कहा कि दु:ख से मुक्ति पाने के लिए भगवान की वाणी पर श्रद्धा व विश्वास करे। भगवान के साथ अपनी आत्मा पर विश्वास रखें कि हम भी भगवान बन सकते है व पर्युषण पर्व तप की आराधना की प्रेरणा देता है।
साबला पदम प्रभु दिगंबर जैन मंदिर में हुई पूजा अर्चना : साबला. पदमप्रभु दिगंबर जैन मंदिर में पर्युषण पर्व के पहले दिन उपाध्याय ऊर्जयन्त सागर महाराज के सानिध्य में मंदिर में पंचामृत अभिषेक एवं पूजा अर्चना की गई। वही सभी जिनालय में भगवान का अभिषेक किया। साथ ही महाराज ने धर्म सभा को संबोधित किया। शाम को महाआरती हुई।
आसपुर. श्वेताम्बर जैन समाज के आठ दिवसीय पर्यूषण महापर्व आयोजन मिच्छामी दुकडम के साथ संपन्न हुए। इस दौरान पक्षाल व केशर पूजा का लाभ सेमलावत जयप्रकाश शांतिलाल तथा शकुंतला महिपाल परिवार को प्राप्त हुआ। साथ ही पुष्प पूजा भरतलाल प्रेमचंद को प्राप्त हुआ। वहीं, दिगंबर जैन समाज के पर्युषण महापर्व का पहला दिन उल्लास के साथ मनाया। शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में दस लक्षण धर्म के पहले दिन क्षमा धर्म अभिषेक तथा पूजन किया। कमलेश लक्ष्मी लाल की ओर से शांति विधान का आयोजन किया। इस अवसर शांतिलाल, धनपाल नेतावत, कमलेश भूखिया, भगवती भूखिया, प्रकाश मैयावत, धनपाल कुंडलियां ने धर्म लाभ लिया।
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