
कोटा। लोक सभा अध्यक्ष और अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (एआईपीओसी) के अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को प्रेस से मुलाकात की। बताया कि भारत में विधानमंडलों का शीर्ष निकाय, अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन वर्ष 2021 में सौ साल पूरे कर रहा है।
उन्होंने कहा कि एआईपीओसी के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का 82वां सम्मेलन 17 और 18 नवंबर को शिमला में आयोजित किया जाएगा। 1921 में पीठासीन अधिकारियों का पहला सम्मेलन शिमला में आयोजित किया था। शिमला में सातवीं बार एआईपीओसी का आयोजन हो रहा है।
इससे पहले शिमला में 1921, 1926, 1933, 1939, 1976 और 1997 में पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन आयोजित किए गए थे। बिरला ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी बुधवार, 17 नवंबर को अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के 82वें सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे और विशिष्टजनों को संबोधित करेंगे। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री, जयराम ठाकुर भी उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे और विशिष्ट सभा को संबोधित करेंगे।
हिमाचल प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष अन्य व्यक्ति भी उपस्थित रहेंगे। लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि 82वें एआईपीओसी में शताब्दी यात्रा – मूल्यांकन और भविष्य के लिए कार्य योजना; और संविधान, सभा और जनता के प्रति पीठासीन अधिकारियों की जिम्मेदारी विषयों पर चर्चा होगी। समापन 18 को होगा। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर समापन सत्र में शामिल होंगे और विशिष्टजनों को संबोधित करेंगे। बिरला ने कहा कि विधानमंडलों में सदस्यों के अनुशासन और शालीनता में आ रही गिरावट चिंता का विषय है। शिमला सम्मेलन में इस विषय पर विचार किया जाएगा।
इस विषय पर 2001 और 2019 में पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन और ऐसे कई अन्य सम्मेलनों में हुई चर्चा का उल्लेख करते हुए। राज्य विधानमंडलों की वित्तीय स्वायत्तता के बारे में विचार व्यक्त करते हुए बिरला ने बताया कि सम्मेलन के दौरान इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सकती है।
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