रत्नों का ज्योतिष शास्त्र एवं मानव जीवन पर प्रभाव: डॉ. अविनाश शाह

जयपुर। ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का विषेष महत्व है। रत्नों का मानव जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है। प्रकृति ने कई बहुमूल्य रत्न विद्यमान है। इन्हीं रत्नों को धारण करने से व्यक्ति कई तरह की परेषानियों व बीमारियों से बच सकता है। ज्योतिष शास्त्र में भी कई रत्नों का विस्तार से उल्लेख किया गया है। इन्हीं रत्नों के संबंध में डॉ. अविनाश शाह ने जलते दीप को बताया कि प्रमुख रत्न पन्ना, माणक, पुखराज, मूंगा, मोती, नीलम एवं हीरा है।

पन्ना:

ज्योतिष शास्त्र में पन्ना बुध ग्रह का रत्न कहा जाता है। बुध का रत्न पहनने से शरीर में सकारात्मक उर्जा का प्रवाह बढ़ता है।। इस रत्न से वाणी संबंधी परेषानियों से छुटकारा मिलता है। जैसे तुतलाना, हकलाना एवं वाणी दोष आदि।

माणक:

ज्योतिष शास्त्र में माणक सूर्य का रत्न कहा जाता है। माणक धारण करने से यष, मान, सम्मान, प्रतिष्ठा व वर्चस्व बढ़ता है। तथा नेत्र संबंधी परेषानियों से निजात मिलता है।

पुखराज:

ज्योतिष शास्त्र में पुखराज गुरू का रत्न कहा जाता है। इसको धारण करने से मानसिक एकाग्रता का विकास होता है। पुखराज में ज्ञान, बुद्धि, आध्यात्मिकता का विकास होता है। इस रत्न से लीवर की समस्या से निजात मिलती है।

मूंगा:

ज्योतिष शास्त्र में मूंगा मंगल का रत्न कहा जाता है। मूंगा धारण करने से रक्त सबंधी बीमारियों पर नियंत्रण प्राप्त किया जाता है। तथा इससे साहस, शोर्य व आत्म विष्वास बढ़ता है।

मोती:

ज्योतिष शास्त्र में मोती चंद्रमा का रत्न कहा जाता है। मोती अत्यंत शीतल रत्न होता है। इसको धारण करनेसे मनुष्य का मन शांत धीर व गंभीर रहता है। इस रत्न से नजला, खांसी, जुकाम जैसी बीमारियों से निजात मिलने में सहायता मिलती है।

नीलम:

ज्योतिष शास्त्र में नीलम शनि का रत्न कहा जाता है। नीलम को धारण कने से व्यक्ति को कानूनी मसलों में विजय प्राप्त होती है। यह रत्न वायु की बीमारियों तथा पेट की बीमारियों से निजात दिलाने में सहायक रहता है।