भारतीय संस्कृति और आस्था के कमल जिस सरोवर में खिलते हैं, उसका नाम है हिंदी : शास्त्री

राजसमन्द। साहित्य मंडल के हिंदी-लाओ देश बचाओ कार्यक्रम के तीसरे दिन गुरुवार को विभिन्न सत्रों में साहित्यकारों ने विचार रखे। संस्था की तरफ से विविध मानद उपाधियों से अतिथियों को सम्मानित किया। सुबह के पहले सत्र के मुख्य अतिथि श्रीकृष्ण भंडार मंदिर मंडल के अधिकारी सुधाकर शास्त्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति और आस्था के कमल जिस सरोवर में खिलते हैं, उसका नाम हिंदी है। हिंदी भारत भूमि पर जन्मे व्यक्ति के हृदय का प्रथम उच्छवास है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पटियाला पंजाब के वरिष्ठ साहित्यकार डॉक्टर अमर सिंह वधान ने कहा कि आज सूचना प्रौद्योगिकी से आई क्रांति ने हिंदी और भारतीय भाषाओं के विकास में सराहनीय योगदान दिया।

आईटी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों ने हिंदी के प्रति विशेष रुझान दिखाया है। सूचना, मनोरंजन और संचार से जुड़े सभी क्षेत्रों में हिंदी को संबल मिला है। विशिष्ट अतिथि गुडग़ांव हरियाणा की डॉ. सुनीता शर्मा, नीमच मध्यप्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार प्रमोद मदनावत एवं वरिष्ठ साहित्यकार हरि ओम तरंग ने हिंदी के उत्थान के लिए विचार रखे। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना, राधा कृष्ण नृत्य एवं श्रीनाथ वंदना के साथ हुई।

डॉ. शुभदा पांडे गंगरार चित्तौडग़ढ़ ने पूर्वोत्तर भारत की सांस्कृतिक मान्यताएं और हिंदी, डॉ. अशोक कुमार गुप्ता, भरतपुर ने हिंदी की चुनौतियां जनसंचार माध्यम, डॉ. मनोज शर्मा आगरा ने हिंदी का सार्वदेशिक स्वरुप विषय पर पत्र-वाचन किया। सम्मान समारोह की शृंखला में जयपुर राजस्थान के व्यंग्यकार संजय झाला को व्यंग शिरोमणि की मानद उपाधि से सम्मानित किया।

प्रो. डॉक्टर प्रभा पंत, डॉ दयानंद, डॉ. मनोज कुमार सिंह, पंडित हरिओम तरंग, संतोष कुमार तिवारी, नैनीताल, उर्मिला देवी को हिंदी भाषा भूषण की मानद उपाधि से अभिवंदित किया। इस दौरान डॉ. सुंदरम पार्थसारथी, डॉ. तारा दत्त को स्मृति सम्मान, भोजराज सिंह को गोपाल प्रसाद मुद्गल स्मृति सम्मान एवं लोकेश सोनी को शशि कला स्मृति सम्मान से नवाजा।

डॉ. पदमा वशिष्ठ, विमला नागला, प्रज्ञा गौतम, आदित्य कुमार, फतेह चंद, बलजीत सिंह को हिंदी साहित्य भूषण की मानद उपाधि से अलंकृत किया। सम्मान समारोह की शृंखला में डॉ. राधेश्याम शुक्ल, डॉ. अरविंद श्रीवास्तव, लीला शर्मा, रचना गौड़, नर्मदा प्रसाद कोरी, ओम प्रकाश शर्मा को हिंदी साहित्य भूषण की मानद उपाधि से नवाजा।

राजकुमारी चैहान, सुमन मिश्रा, हरिमोहन सिंह, डॉ. विजय नागपाल, शिव मंगल सिंह, नरेंद्र मदनावत को हिंदी काव्य विभूषण की मानद उपाधि से नवाजा। डॉ. निर्मल वालिया, डॉ. रामेश्वर प्रसाद गुप्त, अशोक वशिष्ठ, डॉक्टर मोहन तिवारी, प्रमोद रामावत, गोविंद सिंह चौहान को हिंदी साहित्य शिरोमणि की मानद उपाधि से सम्मानित किया।

समारोह में समस्त सम्मानित साहित्यकारों को प्रभु श्रीनाथजी की छवि, उपाधि पत्र, अंग वस्त्र एवं प्रसाद भेंट किया। संचालन श्याम प्रकाश देवपुरा, हरिओम, सुरेंद्र सार्थक ने किया। इस दौरान रामेश्वर शर्मा, भगवत सिंह, अंजीव अंजुम, सुरेंद्र सार्थक, प्रदुम्न देवपुरा, अनिरुद्ध देवपुरा, अशोक धाकरे, नरेंद्र निर्मल मौजूद रहे। नाथद्वारा. साहित्य मंडल के कार्यक्रम में कवियों का सम्मान करते अतिथि।

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