जन सहभागिता से बदल रही सरकारी अस्पताल की तस्वीर

अलवर। सरकारी अस्पतालों के स्वरूप में नित नया परिवर्तन आने लगा है। अब प्राइवेट अस्पतालों से कहीं अधिक स्वच्छता और सुविधाएं इन अस्पतालों में है। अलवर के सरकारी अस्पतालों में यहां समीपवर्ती जिलों से ही नहीं हरियाणा और यूपी के मरीज भी आने लगे हैं। यहां क्रिटिकल ऑपरेशन तक में किसी प्रकार का खर्चा नहीं आता है।

यह बात प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील चौहान ने जनाना अस्पताल में नेक कमाई समूह की ओर से आयोजित सफाई कर्मियों का सममान और नवजात शिशुओं को कपड़े वितरण कार्यक्रम में यह बात कही। कार्यक्रम में पीएमओ ने 21 स्वच्छता में बेहतर काम करे सफाई कर्मियों को पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर नेक कमाई समूह की ओर से डॉ. गोपाल रॉय चौधरी ट्रस्टी के सहयोग से सभी 151 बच्चों को दो-दो जोड़ी कपड़े दिए गए।

कार्यक्रम में मत्स्य विश्वविद्यालय के सहायक कुल सचिव आशुतोष शर्मा ने इस कार्यक्रम की जानकारी दी। समूह के चीफ कोर्डिनेटर अभिषेक तनेजा ने कहा कि अलवर अस्पताल में भर्ती होने वाले प्रत्येक मरीज और उनके परिजनों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए कंबल सहित कई सामग्री प्रदान की जा रही है। कार्यक्रम में राजकीय सीनियर माध्यमिक विद्यालय की शिक्षिका उमा बजाज ने इस समाजसेवा को अनुकरणीय बताया। अलवर के स्टार्ट अप उद्यमी युवा राजन बजाज की तरफ से भी मरीजों को उपहार दिए।

कार्यक्रम में प्रमुख अर्थशास्त्री डॉ. सत्यभान यादव, गुरप्रीत सिंह निकका, राजस्थान सरकार के सिंचाई विभाग की ओर से दिल्ली में लाइजनिंग आफिसर अश्वनी यादव ,ख्संरक्षक मीना तनेजा, ने भी कपड़े वितरित किए।

कार्यक्रम के अंत में संरक्षक मंजू चौधरी अग्रवाल ने आभार जताया। अस्पताल की ओर से प्रभारी टेकचंद, नर्सिंग अधीक्षक प्रवीन जैन, नर्सिंग कर्मी सुशीला शर्माद व रमेश शर्मा ने विचार व्यकत किए। संचालन आशुतोष शर्मा व गुरप्रीत सिंह ने किया।

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