इंद्रा रसोई योजना शुरु होने से पहले गर्माई सियासत

dlb, स्वायत्त शासन विभाग
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गरीब को रोटी देने सेपहले शुरु हुई नामकरण राजनीति

रोटी पर राजनीति मत किजिए क्योकि नाम में रखा ही क्या है

जयपुर
राजस्थान में गरीब और असहाय व्यक्ति का पेट भरने के लिए राजस्थान की सरकार इंद्रा रसोई योजना लाने जा रही है।सरकार की मंशा है कि इस रसोई योजना के माध्यम से वो किसी भी भूखे पेट नही सोने देगी।मगर इस योजना के आने से पहले इस योजना को लेकर जमकर राजनिती गर्माई हुई है। योजना को लेकर भाजपा का आरोप है कि मौजूदा कांग्रेस सरकार उनके राज की योजना अन्नपूर्णा रसोई योजना को पहले तो बंद कर दिया और अब जनता के दबाव में इसे फिर से सरकार शुरु तो कर रही है मगर नाम बदलकर। वही इस पुरे मसले को लेकर सरकार का स्पष्टीकरण आया है कि उनकी मंशा यह है कि राज्य में कोई भी भूखा ना रहे कोई भी भूखा ना सोये।

रोटी पर राजनिती मत करो !
गरीब और जरुरतमंद यह शब्द आम तौर पर चुनावों के दौरान चर्चाओं में आता है मगर यह शब्द कोरोना काल में आपने खुब सुना होगा। लेकिन राजस्थान में इन दिनों गरीब और जरुरतमंद का पेट भरने के उद्देश से आ रही इंद्रा रसोई योजना को लेकर जमकर राजनैतिक बयानबाजी चल रही है।

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इस बयानबाजी के बीच जनता सियासतदानों से पुछ रही है कि गरीब की रोटी पर राजनिती ना हो तो बेहतर होगा।मगर यह सियासत है और वो नेता मानने वाले थोडे है। जनता सरकार से पुछ रही है कि आखिर लॉकडाउन की अवधि में यह योजना क्यो नही चालू की गई।

इंद्रा रसोई योजना को लेकर भाजपा का आरोप है कि सरकार हमारी योजना अन्नापूर्णा योजना का नाम बदलकर यह योजना शुरु करने जा रही है

ऐलान होते ही बडे बडे दिग्गज आए मैदान में
राज्य में इंद्रा रसोई योजना सरकार ला रही है इसका बीते दिनों जैसे ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ऐलान किया ही था कि कुछ ही देर में भाजपा के दिग्गज नेता गरीब की रोटी पर राजनिती वाले मैदान में कुछ पडें और भाजपा के नेता इस योजना को लेकर सरकार को बार बार घेरते हुए नजर आ रहे है….भाजपा की पुर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड और पुर्व यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी सरकार को यह कहते हुए घेर रहे है कि उनके द्वारा लाई गई अन्नपूर्णा योजना का नाम बदलकर इस योजना को लाया जा रहा है…..कृपलानी ने तो सीएम गहलोत से मांग की है कि सरकार अन्नपूर्णा नाम से ही योजना को फिर से शुरु करें।

भाजपा माहिर है नामकरण में तो-धारीवाल
वही पुर्व सीएम राजे और कृपलानी के बयान को लेकर गहलोत सरकार के स्वायत्त मंत्री शांति धारीवाल उल्टा भाजपा पर ही योजनाओं का नाम बदलने में एक्सपर्ट बताते हुए घेरते नजर आ रहे है….धारीवाल कहते है कि नामकरण में तो भाजपाई माहिर है….इतना ही नही धारीवाल का कहना है कि पुरानी योजना में कई खामिया थी जिसमें घोटले की बू आती थी अब नई योजना से ताजा और गर्म खाना रेस्टोरेंट के फील के साथ हमारी सरकार गरीब को देगी…ताकि कोई भी भूखा ना रहे….

नई योजना-सब राज्यों का निचोड
राजनेतिक बयानबाजी के बीच मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि सरकार ने इस योजना के लिए कई बडे आईएएस अधिकारियों की एक टीम को देश के विभिन्न राज्यों में भेजा था जहां से बेहतरीन कार्यो को संग्रहित करते स्थाई किचन बनाकर पुरे राज्य में एनजीओ के माध्यम से सेवा का भाव मानकर भोजन परोसा जाएगा..धारीवाल ने बताया कि इस योजना के माध्यम से स्थाई किचन में गर्म खाना 8,12,20 रुपये तक में रेस्टोंरेंट वाले फीड के साथ सेवा का भाव के साथ परोसा जाएगा।धारीवाल ने बताया कि इस काम के लिए सरकार एनजीओ की मदद लेगी।

नाम में क्या रखा है काम करो-
बहरहाल राजनैतिक बयानबाजी के तो ऐसा कोई विषय नही है जिस पर नही होती हो….मगर इन सबके बीच सुखद बात यह है कि सूबे की सरकार गरीब,असहाय और जरुरतमंद लोगों का पेट भरने के लिए आ रही इस रसोई योजना का कबसे आगाज होगा….इसका सभी को इंतजार है….लेकिन शायद इसी लिए शेक्सपियर ने कहां है नाम में क्या रखा है,काम किजिए..