अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव : पहली बार वोटिंग के दिन राष्ट्रपति तय नहीं होगा, 116 साल बाद होगा ऐसा

न्यूयॉर्क। अमेरिका में हर चार साल बाद होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए मंगलवार को मतदान हुआ। यह राष्ट्रपति के लिए 59वां चुनाव है। मतदान अमेरिकी समयानुसार मंगलवार सुबह 6 बजे (भारतीय समय मंगलवार शाम 4:30 बजे) शुरू हुआ।

मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की कतार देखी गई। भारतीय समयानुसार बुधवार दोपहर तक अलग-अलग राज्यों में लोग वोट डाले जा सकेंगे। इस बार मतदान के पहले डाक से 10 करोड़ से ज्यादा लोगों ने वोट डाला है।

टेक्सास जैसे कुछ राज्यों को छोड़कर ज्यादातर राज्यों में बुधवार सुबह साढ़े 5 बजे से साढ़े सात बजे तक वोटिंग खत्म हो जाएगी। टेक्सॉस में 24 घंटे वोट पड़ेंगे। इसके तुरंत बाद गिनती शुरू हो जाएगी। यहां 29 इलेक्टोरल मत हैं। यानी बुधवार सुबह तक करीब 12 राज्य हैं, जिनके नतीजे आ जाएंगे। इनमें कुछ बैटलग्राउंड राज्य भी हैं, जैसे फ्लोरिडा, नार्थ कैरोलीना, ओहायो। बुधवार दोपहर तक आते-आते एरिजोना और आइयोवा का भी रिजल्ट आ सकता है।

इलेक्शन डे की रात में नए राष्ट्रपति का पता लग जाता रहा है

अमेरिका में 1904 से इलेक्शन डे की रात में नए राष्ट्रपति का पता लग जाता रहा है, लेकिन इस बार नए राष्ट्रपति की तस्वीर साफ होने में वक्त लग सकता है। इनके नतीजों से पता चल जाएगा कि राष्ट्रपति बुधवार को घोषित होगा या कुछ दिन, हफ्ते पूरी काउंटिंग होने तक इंतजार करना पड़ सकता है।

इस चुनाव में मुख्य मुकाबला रिपब्लिकन उम्मीदवार और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाईडेन के बीच है। उपराष्ट्रपति पद के लिए बाइडेन की साथी उम्मीदवार भारतीय मूल की कमला हैरिस हैं, जबकि ट्रम्प के साथी उपराष्ट्रपति माइक पेंस हैं।

फ्लोरिडा के नतीजे से पूरे देश का मूड पता चलता है। यह राज्य कभी किसी एक पार्टी का नहीं रहा। 1964 से लेकर 2016 तक वहीं राष्ट्रपति बना है, जिसने फ्लोरिडा जीता है। सिर्फ 1992 का चुनाव अपवाद है। 2016 में ट्रम्प ने यह राज्य 1 प्रतिशत मार्जिन से जीता था।

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