इन गलत आदतों से कम उम्र में सुनने की क्षमता हो सकती है प्रभावित

बहरेपन से बचाव
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जानें बहरेपन से बचाव के तरीके

इन दिनों गलत जीवनशैली और जाने-अनजाने होने वाली लापरवाहियों के कारण लोगों में कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याएं बढ़ रही हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि कई ऐसी बीमारियों से भी लोग ग्रसित होने लगे हैं, जो पहले बूढ़े लोगों यानी उम्र बढऩे के साथ होती थीं। कम उम्र में ही लोगों की आंखे कमजोर और श्रवण क्षमता पर असर पडऩा शुरू हो गया है। घंटो गाने सुनने, फोन पर बातें करने से सुनने की क्षमता प्रभावित होने लगी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में बधिर और सुनने में अक्षमता वाले लोगों का आंकड़ा 63 मिलियन के करीब है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि खराब जीवनशैली और आहार में पौष्टिकता की कमी इस बढ़ते आंकड़े की वजह है। कान शरीर के बहुत नाजुक अंगों में से एक है। कानों की देखभाल सावधानी से करने की जरूरत होती है। लेकिन लोगों की कुछ गलत आदतों के कारण पिछले कुछ वर्षों में लोगों की सुनने की क्षमता काफी प्रभावित हुई है। ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि उन गलत आदतों के बारे में, जिससे इंसान उम्र से पहले बहरा हो सकता है और सुनने की क्षमता को बनाए रखने के लिए क्या सावधानियां बरतने की जरूरत है।

धूम्रपान से सुनने की क्षमता पर प्रभाव

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धूम्रपान को शरीर और सेहत के लिए नुकसानदायक माना जाता है। धूम्रपान हृदय और फेफड़ों को तो प्रभावित करता ही है, साथ ही कानो को भी नुकसान पहुंचाता है। अध्ययनों के मुताबिक, धूम्रपान में पाया जाने वाला निकोटिन कानों में रक्त संचार पर असर करता है, जिससे कान की नाजुक कोशिकाओं को नुकसान हो सकता है। स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक सेकेंड हैंड स्मोक के संपर्क में आने वाले किशोरों के श्रवण हानि के मामले अधिक पाए गए हैं। टिनिटस यानी कानों के बजने की समस्या भी धूम्रपान की वजह से बढ़ रही है।

ईयरफोन-हेडफोन का अधिक इस्तेमाल

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इन दिनों लोग ईयरफोन-हेडफोन का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा करने लगे हैं। तेज संगीत कानों के पर्दे को नुकसान पहुंचाता है। वहीं कानों में लगातार ईयरफोन लगे रहने से ध्वनि तेज वॉल्यूम में कानों तक पहुंचती है। हालांकि ईयरफोन या ईयरबड्स की तुलना में हेडफोन ज्यादा सुरक्षित होता है, क्योंकि 60 प्रतिशत या उससे कम वॉल्यूम स्तर पर ही हेडफोन का इस्तेमाल करना चाहिए।

कॉटन इयरबड्स नुकसानदायक

अगर आप रुई लेकर अक्सर ही अपने कानों की साफ सफाई करते रहते हैं, तो इससे आपके कान भले ही साफ हो जाएं लेकिन श्रवण क्षमता को हानि पहुंचती है। कॉटन इयरबड्स का अधिक इस्तेमाल और असावधानी से प्रयोग करना नुकसानदायक हो सकता है। इसके कारण ईयरड्रम में छेद हो सकता है और सुनने की क्षमता प्रभावित होती है। इसलिए कानों की सफाई खुद करने से बचें और हर वक्त कान में रूई डालकर सफाई न करें।

कानों की समस्या न करें नजरअंदाज

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कई बार लोगों के कान में दर्द, तेज आवाज सुनाई देना, कानों में आवाज गूंजना या इसी तरह की कान संबंधी समस्याएं होती है लेकिन लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। इस तरह की लापरवाही भविष्य में कानों के लिए नुकसानदायक हो सकती है। कान संबंधी समस्याओं का आभास होने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। खुद से कोई दवा या ईयर ड्रॉप का इस्तेमाल न करें।

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