
हर कोई चाहता है कि अपने पार्टनर के साथ उसका रिश्ता खास हो। वो उसे खूब प्यार करें। लेकिन कई बार हम इस बात पर ध्यान ही नहीं दे पाते हैं कि जिस सुख की आशा में हम एक रिश्ते से जुड़े हैं, दरअस्ल हमारे कष्ट का कारण वही रिश्ता है। कभी-कभी हम ग़लत रिश्तों में फंस कर रह जाते हैं और कई बार तो हमें ज्ञात ही नहीं होता कि हमारे अंदर पनप रही निराशा का कारण अमुक रिश्ता है। ऐसे में आज हम आपकों कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप ऐसे रिश्तों से आसानी से अलग हो जाएंगे।
बदलाव की उम्मीद बेक़ार…
हम अपने पार्टनर से आशा करते हैं कि वो बदल जाएगा और अपनी ग़लत हरक़तों को दोहराना छोड़ देगा। यदि आप इस उम्मीद में रिश्ता कायम रखे हुए हैं तो चेत जाइए। अगर किसी इंसान को आप बदल सकते हैं तो वो इंसान हैं आप ख़ुद! हम किसी को ज़बरन नहीं बदल सकते।
आप बेहतर की हक़दार हैं…
जब हम किसी को प्यार करते हैं, और वो प्यार हमारी तरफ़ लौटकर नहीं आता, तब समझ जाना चाहिए कि आप अपना टाइम वेस्ट कर रहे हैं। ऐसे रिश्ते से बाहर आने में ही भलाई है क्योंकि जब तक हमारे दिल के आईने में किसी ग़लत व्यक्ति की तस्वीर दिखती रहेगी, तब तक किसी दूसरे व्यक्ति का सही अक्स कैसे दिखाई दे सकता है!
अपनी बात ज़रूर कहें…
जब भी आप के साथ ऐसा हो तो रिलेशनशिप को ख़त्म करने से पहले एक आख़िरी कोशिश अपनी बात कहने की करें। मुमक़िन है कि अपनी बात कहने पर आपको अपने पार्टनर के ग़ुस्से का शिकार होना पड़े। इसलिए सबसे अच्छा यह रहेगा कि आप अपनी बात लिख कर पहुंचा दें। आप मैसेज या वॉट्सऐप के द्वारा या ईमेल के ज़रिए अपनी भावनाओं को पहुंचाते समय इस बात का ध्यान रखें कि सीधा दोषारोपण न करें। कुछ यूं लिखें-मुझे अच्छा नहीं लगता जब तुम…, या फिर तुम्हारा ऐसा व्यवहार मुझे दुख पहुंचाता है।
अकेले न हो परेशान…
रिश्ता टूटने के बाद ऐसा लगता है माने जिदंगी खत्म हो गई है लेकिन आपको संभलना होगा क्योंकि आपकी ज़िंदगी अभी ख़त्म नहीं हुई है। बल्कि दूसरी शुरूआत करें। परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के आसपास रहने से आप जल्दी सदमे से उबर पाने में सफल होंगी और पुरानी कड़वी यादों को मन ही मन नहीं दोहराएंगी।