
खंडार। सवाईमाधोपुर जिले में उपखंड खंडार के काछड़ा गांव के खेतों में एक दिन पहले भैंस का शिकार करने वाले बाघ टी3 की शुक्रवार को आस-पास ही मौजूद रहा। रणथंभौर राष्ट्रीय अभयारण्य के बाघ ने गुरुवार को भैंस का शिकार किया था। इस घटना में ग्वाल बाल-बाल बचा। पूरे ईलाके में बाघ की दहशत है। वन विभाग की टीम ने कैमरे लगाकर बाघ की निगरानी कर रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि बाणपुर निवासी मुकेश गुर्जर (ग्वाल) अपने गांव बाणपुर से 12 भैंसों को चराने के लिए काछड़ा गांव के खेतों में गया था। इस दौरान सुबह करीब 11 बजे एक खेत में एक बाघ आ धमका और भैंस को दबोच लिया। बाघ ने पीछे से लंबी छलांग लगाते हुए अपने मजबूत जबड़े से भैंस की गर्दन को जकड़ लिया, जिससे भैंस पलक झपकते ही जमीन पर गिर गई। बाघ को देखकर भैंसों में भगदड़ मच गई।

ग्वाले ने भैंस का बचाने का प्रयास किया तो बाघ उसकी ओर लपका
इस पूरे घटनाक्रम को भैसों को चरा रहे मुकेश गुर्जर ने करीब 50 फुट की दूरी से देखा। मुकेश ने बताया कि हमले के दौरान उसने हिम्मत जुटाकर बाघ को जमीन पर लाठी पीटकर तथा ललकार कर खदेडऩे का पूरा प्रयास किया, लेकिन बाघ ने भैंस को नहीं छोड़ा तथा वह जोर जोर से दहाड़ते हुए उसकी तरफ ही बढऩे लगा।
ऐसे में वह घबराकर वहां से भाग छूटा। मुकेश ने काछड़ा गांव पहुंचकर ग्रामीणों को बताया। थोड़ी ही देर में ग्रामीणों की भीड़ मौके पर पहुंच गई। वहीं बाघ ग्रामीणों की भीड़ को देखकर आसपास के क्षेत्र में कहीं छिप गया। थोड़ी देर बाद सूचना पर वन विभाग की टीम भी वहां पहुंच गई। घटनास्थल व आसपास के क्षेत्र में बाघ के पगमार्क भी मिले है।
बाघ अभी वहीं मौजूद
बाघ ने सुबह भैंस का शिकार किया था। इसके बाद वह दोपर में लौटा और मरी भैंस को खींचकर नाले के पास ले गया। बाघ आज रात को वहां से निकल सकता है। क्षेत्रीय वन अधिकारी मोहनलाल गर्ग ने बताया कि बाघ शिकार करने के बाद दो-तीन दिन वहीं रहता है। अभी उसके वहीं आस-पास होने के संकेत हैं।
ग्रामीणों के अनुसार अभयारण्य की चारदीवारी से करीब 500 मीटर की दूरी पर घटनास्थल वाला खेत है तथा घटनास्थल से पोपो के नाले की दूरी करीब 100 मीटर है और यहीं पर बाघ की मौजूदगी बताई जा रही है। गामीणों ने बताया कि इस क्षेत्र में आए दिन बाघ तथा अन्य वन्य जीव आते रहते हैं। यह बाघ भी संभावित बुधवार शाम को रणथंभोर अभयारण्य की सुरक्षा दीवार को छलांग कर काछड़ा में पहुंचा है।
आधा दर्जन स्थानों पर लगाए कैमरे
गर्ग का कहना है कि अभयारण्य के निकटवर्ती काछड़ा गांव स्थित पप्पू सिंह के खेत में गिर्राज पुत्र सीताराम गुर्जर निवासी बाणपुर की भैंस का बाघ ने शिकार किया है। यह बाघ टी3 है। मौके पर वन विभाग बाघ टी3 आज भी काछड़ा गावं के खेतों में दिखा
खंडार। सवाईमाधोपुर जिले में उपखंड खंडार के काछड़ा गांव के खेतों में एक दिन पहले भैंस का शिकार करने वाले बाघ टी३ की शुक्रवार को आस-पास ही मौजूद रहा। रणथंभौर राष्ट्रीय अभयारण्य के बाघ ने गुरुवार को भैंस का शिकार किया था। इस घटना में ग्वाल बाल-बाल बचा। पूरे ईलाके में बाघ की दहशत है। वन विभाग की टीम ने कैमरे लगाकर बाघ की निगरानी कर रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि बाणपुर निवासी मुकेश गुर्जर (ग्वाल) अपने गांव बाणपुर से १२ भैंसों को चराने के लिए काछड़ा गांव के खेतों में गया था। इस दौरान सुबह करीब ११ बजे एक खेत में एक बाघ आ धमका और भैंस को दबोच लिया। बाघ ने पीछे से लंबी छलांग लगाते हुए अपने मजबूत जबड़े से भैंस की गर्दन को जकड़ लिया, जिससे भैंस पलक झपकते ही जमीन पर गिर गई। बाघ को देखकर भैंसों में भगदड़ मच गई।
ग्वाले ने भैंस का बचाने का प्रयास किया तो बाघ उसकी ओर लपका
इस पूरे घटनाक्रम को भैसों को चरा रहे मुकेश गुर्जर ने करीब ५० फुट की दूरी से देखा। मुकेश ने बताया कि हमले के दौरान उसने हिम्मत जुटाकर बाघ को जमीन पर लाठी पीटकर तथा ललकार कर खदेडऩे का पूरा प्रयास किया, लेकिन बाघ ने भैंस को नहीं छोड़ा तथा वह जोर जोर से दहाड़ते हुए उसकी तरफ ही बढऩे लगा।
ऐसे में वह घबराकर वहां से भाग छूटा। मुकेश ने काछड़ा गांव पहुंचकर ग्रामीणों को बताया। थोड़ी ही देर में ग्रामीणों की भीड़ मौके पर पहुंच गई। वहीं बाघ ग्रामीणों की भीड़ को देखकर आसपास के क्षेत्र में कहीं छिप गया। थोड़ी देर बाद सूचना पर वन विभाग की टीम भी वहां पहुंच गई। घटनास्थल व आसपास के क्षेत्र में बाघ के पगमार्क भी मिले है।
बाघ अभी वहीं मौजूद
बाघ ने सुबह भैंस का शिकार किया था। इसके बाद वह दोपर में लौटा और मरी भैंस को खींचकर नाले के पास ले गया। बाघ आज रात को वहां से निकल सकता है। क्षेत्रीय वन अधिकारी मोहनलाल गर्ग ने बताया कि बाघ शिकार करने के बाद दो-तीन दिन वहीं रहता है। अभी उसके वहीं आस-पास होने के संकेत हैं।
ग्रामीणों के अनुसार अभयारण्य की चारदीवारी से करीब ५०० मीटर की दूरी पर घटनास्थल वाला खेत है तथा घटनास्थल से पोपो के नाले की दूरी करीब १०० मीटर है और यहीं पर बाघ की मौजूदगी बताई जा रही है। गामीणों ने बताया कि इस क्षेत्र में आए दिन बाघ तथा अन्य वन्य जीव आते रहते हैं। यह बाघ भी संभावित बुधवार शाम को रणथंभोर अभयारण्य की सुरक्षा दीवार को छलांग कर काछड़ा में पहुंचा है।
आधा दर्जन स्थानों पर लगाए कैमरे
गर्ग का कहना है कि अभयारण्य के निकटवर्ती काछड़ा गांव स्थित पप्पू सिंह के खेत में गिर्राज पुत्र सीताराम गुर्जर निवासी बाणपुर की भैंस का बाघ ने शिकार किया है। यह बाघ टी३ है। मौके पर वन विभाग की टीम ने करीब आधा दर्जन स्थानों पर कैमरे लगाए हैं तथा बाघ पर पैनी नजर रखी जा रही है।
की टीम ने करीब आधा दर्जन स्थानों पर कैमरे लगाए हैं तथा बाघ पर पैनी नजर रखी जा रही है।
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