पशुपालन विभाग की ओर से भारत पशुधन ऐप के साफ्टवेयर का प्रषिक्षण कार्यक्रम आयोजित

ऐप के माध्यम से देष भर के पालतू पशुओं का डाटा एक ही क्लिक पर उपलब्ध हो सकेगा

जयपुर। पशुपालन विभाग की ओर से आज गुरुवार को भारत पशुधन ऐप के साॅफ्टवेयर का प्रषिक्षण कार्यक्रम राजस्थान राज्य पशुधन प्रबंधन एवं प्रषिक्षण संस्थान में आयोजित हुआ। प्रषिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न जिलों से लगभग 125 पशुचिकित्सकों और पशुधन सहायकों ने भाग लिया।

कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर बोलते हुए राज्य पशुधन विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री एन. एम. सिंह ने कहा कि भारत पशुधन एप एक बहुत ही उपयोगी और महत्वपूर्ण ऐप है जिसके माध्यम से देष भर के पालतू पशुओं का डाटा एक ही क्लिक पर उपलब्ध हो सकेगा। इस ऐप के माध्यम से पूरे भारत के पशुधन और पशुधन से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों को जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि यह ऐप किसान केंद्रित है। पशुपालक इस ऐप के माध्यम से न केवल पालतू पशु पक्षियों के विषय में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे बल्कि इसके माध्यम से क्रय विक्रय भी कर सकेंगे।

श्री सिंह ने कहा कि राजस्थान में यह ऐप लांच हो चुका है। आज के इस प्रषिक्षण कार्यक्रम में साॅफ्टवेयर के उपयोग के बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्होंने प्रषिक्षणार्थियों से प्रषिक्षण कार्यक्रम को पूरी गंभीरता से लेने का आग्रह करते हुए इसका अधिक से अधिक लाभ उठाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस ऐप को लेकर हम सबकी बहुत सारी जिज्ञासाएं हैं उन्हीं जिज्ञासाओं को षांत करने क लिए इस प्रषिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। प्रषिक्षण कार्यक्रम के पहले सत्र में भारत पशुधन ऐप और इसकी व्यवहारिकता पर विषेषज्ञों द्वारा विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के डाॅ वसंत, डाॅ. जिगर और डाॅ. प्रकाष तथा राष्ट्रीय डिजीटल पशुधन मिषन के श्री राकेष और श्री विजय सैनी ने अपनी अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से ऐप के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की।

प्रषिक्षण का दूसरा सत्र चर्चा और प्रष्नोत्तर का रख गया। इस सत्र में प्रतिभागियों ने ऐप के उपयोग से संबंधित अपनी अपनी जिज्ञासाएं और प्रष्न रखे जिसका समाधान उपस्थित विषेषज्ञों ने किया। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने इसी वर्ष जून में भारत पशुधन ऐप की षुरुआत की है। इस ऐप्लीकेषन पर पशुओं का इतिहास, एनके मालिक की जानकारी, एक विषेष आई डी के साथ उपलब्ध रहेगी। साथ ही इसमें पशु पक्षियों में फैलनेवाली बीमारी और उसकी दवाओं के वितरण से संबंधित सूचनाएं भी पशुपालकों को मिल जाएंगी।