
माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने बुधवार को कहा कि भारत सरकार द्वारा केवल भारत में ही कुछ आकउंट को बंद करने के निर्देश के तहत उसने कुछ आकउंट पर रोक लगायी है।
हालांकि, नागरिक समाज के कार्यकर्ताओं, राजनीतिज्ञों एवं मीडिया के ट्विटर हैंडल को ब्लॉक नहीं किया है क्योंकि ऐसा करने से अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार का उल्लंघन होगा।
ट्विटर ने जोर देकर कहा कि वह अपने उपयोगकर्ताओं की अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करना जारी रखेगी और इसके लिए वह सक्रियता से भारतीय कानून के तहत विकल्पों पर विचार कर रही है जो ट्विटर एवं उपयोगकर्ताओं के खातों को प्रभावित करते हैं।
केन्द्र सरकार ने आईटी एक्ट की धारा 69्र के तहत ट्विटर को नोटिस दिया था। इस धारा में 7 साल की जेल का प्रोविजन है। नोटिस में कहा गया था कि ट्विटर एक्शन नहीं लेगा तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ट्विटर के मुताबिक पिछले हफ्तों में हुई हिंसा की घटनाओं को देखते हुए आपत्तिजनक कंटेंट वाले हैशटेग की विजिबिलिटी भी कम कर दी गई है। साथ ही कहा कि दिल्ली में रिपब्लिक डे को हुई हिंसा के बाद भारत में अपने नियमों को लागू करवाने के लिए जो कदम उठाए जा रहे हैं, उनके बारे में रेगुलर अपडेट दे रहे हैं।
यह भी पढ़ें-गणतंत्र दिवस पर हिंसा का आरोपी इकबाल सिंह गिरफ्तार