यूएन का दावा- भारत ने आबादी में चीन को पीछे छोड़ा, इस साल ही ड्रैगन से 30 लाख ज्यादा हो जाएगी जनसंखया

भारत में आबादी
भारत में आबादी

भारत चीन को पीछे छोडक़र दुनिया का सबसे आबादी वाला देश बन गया है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार भारत की आबादी 142.86 करोड़ हो गई है। जबकि चीन की आबादी 142.57 करोड़ है। गौरतलब है, संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार सुबह एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें कहा गया था कि भारत इस साल के मध्य तक दुनिया का सबसे आबादी वाला देश बन जाएगा। साथ ही संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला कि भारत 30 लाख से अधिक लोगों के साथ चीन को पीछे छोड़ते हुए सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा।

अमेरिका तीसरे नंबर पर

भारत में आबादी
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संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के स्टेट ऑफ वल्र्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट, 2023 के जनसांख्यिकीय आंकड़ों का अनुमान है कि चीन की 142.57 करोड़ की तुलना में भारत की जनसंख्या 142.86 करोड़ है। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो अमेरिका 34 करोड़ की आबादी के साथ तीसरे नंबर पर है।

165 करोड़ जा सकती है आबादी

यूएनएफपीए की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 25 प्रतिशत जनसंख्या 0-14 वर्ष के आयु वर्ग की है। वहीं 18 प्रतिशत 10 से 19 आयु वर्ग, 26 प्रतिशत 10 से 24 आयु वर्ग, 68 प्रतिशत 15 से 64 वर्ष आयु वर्ग में और 65 वर्ष से ऊपर 7 प्रतिशत है। वहीं, विभिन्न एजेंसियों के अनुमानों ने सुझाव दिया है कि भारत की जनसंख्या लगभग तीन दशकों तक बढ़ती रहने की उम्मीद है। इससे आबादी 165 करोड़ हो सकती है।

जनसंख्या में बदलाव

जनसंख्या विशेषज्ञों ने संयुक्त राष्ट्र के पिछले आंकड़ों का उपयोग करते हुए अनुमान लगाया था कि भारत इस महीने चीन को पीछे छोड़ देगा। कहा गया था कि अभी यह नहीं पता है कि इस बदलाव में कितना समय लगेगा। लेकिन बुधवार दोपहर तक संयुक्त राष्ट्र ने एक और रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि भारत सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है। हालंकि भारत की जनगणना साल 2011 में हुई थी।

छह दशकों में पहली बार चीन की आबादी में कमी

गौरतलब है, पिछले साल छह दशकों में पहली बार चीन की आबादी में गिरावट आई थी। इसके बाद चीन की आबादी में कमी ही देखी जा रही है। कहा जा रहा है कि इसका असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की वार्षिक जनसंख्या वृद्धि 2011 के बाद से औसतन 1.2 फीसदी रही है, जबकि पिछले 10 वर्षों में यह 1.7 फीसदी थी। यूएनएफपीए इंडिया के प्रतिनिधि एंड्रिया वोजनार ने कहा कि भारतीय सर्वेक्षण के निष्कर्ष बताते हैं कि लगातार बढ़ रही जनसंख्या का असर आम लोगों पर पड़ रहा है।

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